Tamilnadu

न्यू ईयर सिर्फ चेंज ऑफ डेट नहीं होना चाहिए बल्कि चेंज ऑफ थॉट, चेंज ऑफ एटिट्यूड और चेंज ऑफ डेस्टिनी होना चाहिए ये बात जीवन प्रबंधन विशेषज्ञ बीके शिवानी ने चेन्नई के अन्नानगर सेवाकेंद्र द्वारा अम्मा अरंगम सी के एन सी में कर्मा और भाग्य विषय पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। ये मौका था तमिल न्यू ईयर का जिसमें वे हजारों की संख्या में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों को संबोधित कर रहीं थी।
यह कार्यक्रम मित्रा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया था। इस मौके पर मद्रास हाईकोर्ट की जस्टिस अनीता सुमंत, मित्रा फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी संजय भंडारी, ट्रस्टी गणपति, तमिलनाडु जोन की सर्विस कार्डिनेटर बीके बीना, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके मुथुमणि समेत अनेक विशिष्ट लोग उपस्थित थे।
हो तो।
इसके साथ ही पासवर्ड फॉर हैप्पीनेस विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें बीके शिवानी ने बताया कि खुशहाल जीवन के लिए काम, क्रोध, लोभ और अहंकार जैसे विकारों को समाप्त करना होगा और परमात्मा से सकारात्मक उर्जा लेनी होगी। साथ ही अन्य अतिथियों ने भी अपने विचार जाहिर किए।
चेंज योर डेस्टिनी विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बीके शिवानी ने बताया कि भाग्य को बदलने का आधार हमारे श्रेष्ठ कर्म हैं और श्रेष्ठ कर्म का आधार श्रेष्ठ संकल्प। इस मौके पर बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया और राजयोग की विधि भी सिखी।