Shantivan

अन्तर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान के साकार संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा केवल ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान से जुड़े लोगों के ही नहीं बल्कि समस्त लोगों के ब्रह्मा बाबा थे। वो पूरी मानवजाति को एक सूत्र में पिरोने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उनके अन्दर भले ही सर्वोच्च सत्ता की उपस्थिति रही पर वे लोगों को आत्मा होने का एहसास कराते रहे।
18 जनवरी को विश्वभर में संस्थान के सदस्यों ने बाबा की 50वीं पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रुप में मनाई। मुख्यालय पाण्डव भवन में संस्था के सभी प्रमुख पदाधिकारियों ने बाबा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
परमात्मा शिव के संवाहक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा को इस दुनिया से अव्यक्त हुए पचास वर्ष हो गये। परन्तु उनका अव्यक्त स्वरुप और शक्ति का संचार आज भी हो रहा है। ब्रह्मा बाबा की पचासवीं पुण्य तिथि पर हजारों लोगों का सैलाब उमड़ा पड़ा। विश्व शांति, सदभावना और अमन चैन के लिए प्रार्थना सभायें की गयी। केवल मुख्यालय ही नहीं बल्कि देश विदेश के सभी सेवाकेन्द्रों पर हजारों कार्यक्रम आयोजित किये गये। जिसमें लाखों लोग शरीक हुए। ब्रह्माकुमारीज संस्था के अंतर्राष्ट्ीय मुख्यालय माउण्ट आबू में बाबा के समाधि स्थल शांति स्तम्भ पर संस्था के संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, ज्ञान सरोवर की निदेशिका बीके डॉ निर्मला, मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करुणा, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, शांतिवन प्रबन्धक बीके भूपाल, ब्रहमा बाबा के पौत्र मनोज कृपलानी समेत संस्था के वरिष्ठ सदस्यों ने भावभीनी श्रद्धाजलि अर्पित कर विश्व बन्धुत्व की कामना की।