March 14, 2025

PeaceNews

New Delhi

ब्रह्मा बाबा ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के साकार संस्थापक तथा निराकार परमात्मा शिव के मध्यस्थ 18 जनवरी सन् 1969 में अपने नश्वर शरीर का त्याग कर बाबा ने सम्पूर्ण अवस्था को प्राप्त किया बुलेटिन की शुरुआत आज इसी खबर से राजधानी दिल्ली में उनकी 50वीं पुण्यतिथि पर विश्व शांति, सद्भावना एवं भाईचारा विषय पर नेहरु स्टेडियम में सर्वधर्म स्नेह मिलन का आयोजन हुआ।

ब्रह्मा बाबा द्वारा वैश्विक शांति, अमन और एकता के लिए किए गए त्याग, तप और सेवाओं की स्मृति में यह सार्वजनिक कार्यक्रम हुआ, जिसमें अलग-अलग धर्मों के धर्मगुरुओं ने अपने शब्दों द्वारा श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर अतिथि के रुप में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल, बहाई धर्म के प्रतिनिधि डॉ. ए.के. मर्चेंट, यहूदी धर्म के प्रतिनिधि ई.आई. मालेकर तथा सीबीआई के पूर्व निदेशक पद्मश्री डी. आर. कार्तिकेयन की मुख्य उपस्थिति रही।

ब्रह्मा और परमात्मा दोनों को नई दुनिया का रचयिता कहा जाता है ये कहना है संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन का उन्होंने यह स्पष्ट किया ब्रह्मा को नवयुग का रचियता कहा गया है। वहीं आगे ओआरसी की निदेशिका बीके आशा, संस्था के महिला प्रभाग की अध्यक्षा बीके चक्रधारी, जी.बी.पंत अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मोहित गुप्ता ने भी ब्रह्मा बाबा के प्रति अपने दिल के भावों को व्यक्त किया। जिसके पश्चात् करोल बाग की प्रभारी बीके पुष्पा ने कॉमेन्ट्री के माध्यम से सभी को राजयोग का अभ्यास कराया।

 

इस उपलक्ष्य में ओआरसी के सदस्यों द्वारा ‘ऐसे थे ब्रह्मा बाबा‘ नामक आर्कषक नाटिका डायलॉग के माध्यम से प्रस्तुत की गई।

 

इससे पूर्व प्रभु पालना-एक अलौकिक अनुभव के लिए दिल्ली वासियों के लिए संगठित राजयोग का कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने एकत्रित हो.. राजयोग के गहन अभ्यास द्वारा ब्रह्मा बाबा की 50वीं पुण्यस्मृति के उपलक्ष्य में विश्वभर में एकता एवं सद्भावना के प्रकम्पन फैलाए। रेस्लिंग ऑडिटोरियम में आयोजित इस अवसर पर हज़ारों की संख्या में सदस्य उपस्थित हुए।

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