Manjalpur, Vadodara, Gujarat
पश्चिम भारत का तीसरा सबसे बड़ा शहर और कला नगरी के नाम से जाने जाने वाले गुजरत के वडोदरा की पावन भूमि पर अब आध्यात्मिकता की छठा बिखेरने और सभी को अपने वास्तविक पहचान से रूबरू कराने के लिए राजयोग भवन बनकर तैयार हो गया है। इस नवनिर्मित भवन का उद्घाटन स्वयं आध्यात्मिक नायिका एवं संस्थान की मुखिया, विश्व वंदनीय 103 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकीजी के कर कमलो से सम्पन्न हुआ जिसके उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथियों में सांसद रंजन भट्ट, एरिया कॉरपोरेटर चिराज झवेरी, मुंबई से आये चाँद मिश्रा वही बीके सदस्यों में स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभारी बीके धीरज, अहमदाबाद के अम्बवादी सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शारदा, माउंट आबू से संस्थान के ओम शांति मीडिया पत्रिका के संपादक बीके गंगाधर, मंगलवाड़ी सेवाकेंद्र की संचालिका बीके राज, अलकापुरी सेवाकेंद्र प्रभारी बीके डॉ. निरंजना द्वारा दीप प्रज्वलन एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ कार्यक्रम का आगाज़ किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ जहाँ अतिथियों के स्वागत सत्कार से हुआ वही आगे सच्चाई और सादगी की प्रतिमुरत एवं मधबन का कोहिनूर राजयोगिनी दादी जानकी जी ने अपने आशीर्वचनों की वर्षा करते हुए सभा को चिंतन और चिंता से मुक्त हो अष्ठ शक्तियों को धारण करने का आह्वान किया साथ ही अपने आध्यात्मिक जीवन के कुछ अविस्मरनीय अनुभव साझां किये।
आगे मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद बीके शारदा ने स्थानीय जनसमूह को परदर्शन, परचिन्तन एवं विकारो को छोड़ने की अपील की वही आगे मंच पर उपस्थित महानुभावों एवं बीके सदस्यों ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में दादीजी के 104वें वर्ष में प्रवेश करने की खुशी में सभी बीके सदस्यों द्वारा केक कटिंग कर दादीजी को शुभकामनाए दी गई।