February 4, 2025

PeaceNews

ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय से जुड़ी है । ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन में बना विशाल डायमण्ड हॉल 25 वर्ष का का हो गया। 20 हजार क्षमता वाले इस डायमंड हॉल का 18 जनवरी, 1996 में हुआ था। तब से लेकर आज तक करोड़ों लोगों की जिन्दगी के आध्यात्मिक उड़ान का केन्द्र साबित हो रहा है। देखिये इस पर विशेष रिपोर्ट
तकरीबन एक लाख वर्ग किमी में बना यह विशाल डायमंड हॉल एशिया का एकमात्र ऐसा हॉल है जिसमें कोई पिल्लर नहीं है। 46 दरवाजों वाला और 18 भाषाओं के रुपांन्तरण वाले इस हॉल में पूरे विश्व में ट्रांसमिशन की सुविधा है। साथ ही पूरे वर्ष भर कार्यक्रम चलाये जाये इसके लिए कुलिंग की भी व्यवस्था की गयी है। साउण्ट और लाईट की आधुनिक व्यवस्था वाले इस डायमंड हॉल को इस तरीके से बनाया गया है। जिससे 150 किमी प्रति घंटा से चलने वाले तेज हवाओं को भी सहन करने की क्षमता है।
करीब 11 महीने में बनकर तैयार हुए इस हॉल को ब्रह्माकुमारीज संस्थान के डायमंड जुबिली वर्ष में बनाया गया था। इसलिए इसका नाम डायमंड जुबिली हॉल पड़ा। इसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों की भी आगवानी करने और उसकी सफलता का गवाह बना है। प्रतिवर्ष सैकड़ों सम्मेलन एवं सेमिनार का आयोजन होता है जिससे समाज के सभी वर्गों में मूल्यनिष्ठता आये।
डायमंड हॉल एशिया का एकमात्र ऐसा अद्वितीय हॉल है जिसकी खूबसूरती और विशेषताओं के कारण इसे लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज किया गया है। आने वाले समय में भी यह अपनी सेवायें प्रदान करता रहेगा।

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