Delhi
1 min readसाइंस और स्प्रिचुएलिटी एक ही सिक्के के दो पहलू है या फिर यू कहें कि एक ही गाड़ी के दो पहिए.. मानव भौतिकवाद की चकाचौंध में आज इतना डूब गया है, कि अपनी गाड़ी की दूसरे पहिए की ओर उसका ध्यान ही नहीं है.. हमारे श्रेष्ठ जीवन तब सम्भव है, जब विज्ञान और आध्यात्म का समागम होगा और तब हम पर्यावरण को सुधार पाएंगे.. इसी लक्ष्य को सम्मुख रखते हुए राजधानी दिल्ली में विज्ञान, आध्यात्म, शिक्षा और पर्यावरण पर तालकटोरा स्टेडियम में वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसकी शुरुआत करते हुए जल संसाधन एवं पार्लियमेंट्री अफेयर्स केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि आध्यात्म ही विज्ञान है और अगर इसकी कोई शिक्षा दे रहा है तो वो ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान ही है।
इस सम्मेलन में केन्द्रीय राज्यमंत्री अुर्जनराम मेघवाल समेत.. आए हुए अन्य विशिष्ट मेहमानों में कोयला व खान मंत्रालय केन्द्रीय राज्यमंत्री हरि भाई चौधरी, मैक्सिको से आए बिज़ेनस एनालिस्ट और इकोनॉमिस्ट एरनेस्टो कैस्टलनोस, इंडियन नेवेल ऑपरेशन्स के डायरेक्टर जनरल.. वाईस एडमिरल सतीश एन घोरमाडे, पद्मश्री डॉ. शरद काले, ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युजंय, हरीनगर सेवाकेन्द्र की प्रभारी बीके शुक्ला समेत अन्य विशिष्ट महमानों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का आगाज़ किया।
ब्रह्माकुमारीज़, वन एवं पर्यावरण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने साथ मिलकर.. इस वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया, जहां पहुंचे मुख्य अतिथियों ने विज्ञान और आध्यात्म के समन्वय समेत पर्यावरण के क्षेत्र में भी अपनी भूमिका निभाने की बात कही।
वहीं आध्यात्म पर अपना वक्तव्य देते हुए बीके शुक्ला ने बताया कि एक अच्छे राष्ट्र के निर्माण तथा मूल्यनिष्ठ बनने के लिए आध्यात्मिकता ज़रुरी है। आगे बीके मृत्युजंय ने कहा कि जब भारत स्वच्छ बनेगा तभी विश्व स्वच्छ बन पाएगा।
पूरे दिन चले इस सम्मेलन में कई अलग-अलग सत्रों के माध्यम से वक्ताओं ने आयोजित थीम पर अपने विचार रखें। वहीं गोलू पिल्स द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र की किए गए कार्यों को प्रेज़ेन्टेशन के माध्यम से दर्शाया। इसी क्रम में विश्व ग्रैमी पुरस्कार विजेता तथा मशहूर पर्यावरण एक्टिविस्ट रिकि केज एवं विश्व ग्रैमी पुरस्कार विजेता पद्मभूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट ने म्यूज़िक कन्सर्ट कर उपस्थित जनसमूह को न केवल प्रकृति के साथ जोड़ा बल्कि मंत्रमुग्ध भी कर दिया।
सम्मेलन के समापन सत्र में पहुंचे केन्द्रीय विज्ञान एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि अध्यात्म और विज्ञान आपस में परिपूरक है.. विरोधी नहीं।
इस सत्र में मंत्री डॉ. हर्षवर्धन समेत मंच पर सांसद सौम्य रंजन, साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के मेयर नरेन्द्र चावला समेत कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
सम्मेलन के दौरान अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों द्वारा भी पर्यावरण की रक्षा, उसके संरक्षण तथा आयोजित मुद्दें पर कई प्रस्तुतियों का आयोजन रहा।