Leicester

सदियों से मनुष्य के सामने सबसे बड़ी पहली रही हैं कि ‘मैं कौन हूं’ और ‘मैं यहां क्यों हूं’ इन सवालों के जवाब पाने के लिए मनुष्य ने तपस्या और कई पवित्र पुस्तकों का अध्यन किया है लेकिन आज भी मनुष्य के सामने यह समस्या ज्यों की त्यों बनी है लेकिन लेस्टर के रहने वाले बेंच मेन को इन्हीं सवालों का जवाब राजयोग द्वारा प्राप्त हुए हैं ऐसा उन्होंने बताया हारमनी हाउस में आयोजित ‘द ब्यूटी ऑफ कर्मा’ कार्यक्रम में राजयोग के अपने अनुभव को आगे बढ़ातें हुए उन्होंने कहा कि राजयोग अपनी आंतरिक दुनिया में झांकने और उसकी खूबसूरती को महसूस करने का सशक्त माध्यम है।
इस कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता ब्रह्माकुमारीज़ में यूरोप और मीडिलइस्ट की निदेशिका बीके जयंति थी अपने भाषण की शुरूआत उन्होंने योगा और कर्मा की वास्तविक अर्थ को स्पष्ट करके की आगे उन्होंने समय की पहचान देते हैं कहाकि वर्तमान समय हम सबके पास अपने पुराने कार्मिक अकाउंट्स को सैटल करने और भविष्य के लिए पुण्य कर्मो की पूंजि जमा करने का सुनहरा अवसर है।
आगे बीके जयंति ने कार्मिक अकाउंट्स के सैटेल हाने के कुछ लक्षण बताए और राजयोग के अभ्यास को बड़ाने के लिए प्रेरित किया।