ORC, Gurugram
वेलनेस ऑफ वीमेन ‘एक कदम कैंसर से बचाव की ओर‘ थीम के अन्तर्गत फोग्सी तथा ब्रह्माकुमारीज़ की पहल द्वारा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर तथा ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरुकता एवं बचाव के उपायों पर गुरुग्राम के ओम् शान्ति रिट्रीट सेन्टर में त्रिदिवसीय नेशनल ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स प्रोग्राम का आयोजन हुआ तथा वेलनेस ऑफ वीमेन प्रोजेक्ट की भी लॉचिंग की गई।
कैंसर से हर साल 5 लाख 30 हज़ार नए मरीज़ ग्रसित होते है और इनमें से 2 लाख 75 हज़ार महिलाओं की प्रतिवर्ष मृत्यु हो जाती है.. करीब एक तिहाई मरीज़ यानी 1,22,000 नए मरीज़ भारत वर्ष में पाए जाते है, और उसमें से 67,000 मरीज़ों की मृत्यु हो जाती है। विकसित देशों के मुकाबले विकासशील देशों की महिलाओं को यह कैंसर होने की सम्भावनाएं 4 गुना अधिक होती है, डब्लू.एच.ओ. के एक संशोधन द्वारा सर्वाइकल कैंसर से हुई मौतों की संख्या बेहद डराने वाली है। 2005 में यह संख्या 76 लाख थी, 2015 में 90 लाख और 2030 में इसकी संख्या 1 करोड 15 लाख हो जाने की सम्भावना है।
ओआरसी में जब ये कार्यक्रम आयोजित हुआ, तो वहां मौजूद विश्व प्रसिद्ध स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. शंकर नारायणन तथा डॉ. पार्था बसु, फॉग्सी की अध्यक्षा डॉ. नंदिता पालशेतकर, वेलनेस ऑफ वुमन की राष्ट्रीय संयोजिका बीके डॉ. सुभदा नील, फॉग्सी ऑनकॉलॉजी कमिटी की अध्यक्षा डॉ. भाग्यलक्ष्मी नायक, कैंसर रोग विशेषज्ञ बीके डॉ. अशोक मेहता समेत अन्य कई प्रतिष्ठित चिकित्सकों तथा संस्थान के मेडिकल प्रभाग से जुड़े सदस्यों ने इस पर अपनी राय व्यक्त की। इस मौके पर अन्य कई मुख्य चिकित्सकों ने भी क्यां कहा, आगे सुनते है।
जागरुकता बहुत ही ज़्यादा ज़रुरी है और जब बात कैंसर की हो तो.. महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर सबसे प्रमुख है.. इस मुहीम के ज़रिए.. सभी को यही बताने का प्रयास किया जा रहा है.. कि यदि समय रहते इसका पता चल जाए तो सर्वाइकल कैंसर का सम्पूर्ण इलाज सम्भव है.. और इस मुहिम के द्वारा भारत को कैंसर मुक्त तथा स्वस्थ सशक्त भारत बना पाएंगे।
त्रिदिवसीय इस कार्यक्रम के दौरान वॉकाथन भी आयोजित हुई, जिसमें सभी चिकित्सकों समेत प्रशिक्षण के प्रतिभागी लोगों ने इसमें हिस्सा लिया और लोगों में जागरुकता फैलाने का प्रयास किया।
समापन अवसर पर फॉग्सी ऑन्कोलॉजी कमिटी की पूर्व अध्यक्षा जयदीप मल्होत्रा द्वारा अद्भुत मातृत्व विषय पर संकलित पुस्तक का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर से अनेक वरिष्ठ चिकित्सक शामिल हुए थे।