Mount Abu, Rajasthan
1 min readब्रह्माकुमारीज संस्थान के ग्राम विकास प्रभाग द्वारा आयोजित इ सम्मेलन से है जिसका विषय रहा सशक्त भारत की शान आत्म निर्भर किसान इस दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन सुबह के सत्र में मुख्य वक्ताओं ने यौगिक कृषि में विज्ञान एवं आध्यात्म का समन्वय विषय पर प्रकाश डाला
कृषि एक बहुत बड़ा विज्ञान है और इसमें यदि आध्यात्म जुड़ जाता है, व प्रकृति से जब हम आध्यात्मिक रीति से जुड़ जाते हैं तो हम अपनी धरती को, पर्यावरण को सुंदर और स्वच्छ बना सकते हैं, कृषि में मनचाही सफलता पा सकते हैं ये बातें प्रैक्टिकल में कितनी उपयोगी हैं इसके बारे में सेशन के दौरान कई प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार रखे जिनमें उ.प्र. बीज प्रमाणीकरण संस्था के निदेशक डॉ एस के अग्निहोत्री, एसडी एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के पूर्व रिसर्च डायरेक्टर डॉ एस बी एस टिक्का, प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके सुनंदा, रूचि एग्रो फार्म के डायरेक्टर बीके महेंद्र, कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग के कार्यकारी सदस्य बीके बालासो रूगे समेत अन्य विशिष्ट अतिथि गण शामिल थे।
वहीं सम्मेलन के शाम के सत्र में कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, संयुक्त कृषि निदेशक वीरेंद्र कुमार सिसोदिया, संस्थान के कार्यकारी निदेशक बीके मृत्युंजय, प्रभाग की ज़ोनल कॉर्डिनेटर बीके राज, मुख्यालय संयोजक बीके शशिकांत ने स्वर्णिम भारत का निर्माण-यौगिक खेती से आत्म निर्भर किसान विषय पर अपना उद्बोधन दिया शाश्वत यौगिक खेती द्वारा भारत फिर से स्वर्णिम भारत कैसे बनें इस पर खास जानकारियां दी।