Ranchi, Jharkhand
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ब्रह्माकुमारीज द्वारा पुरे देशभर में चलाये जा रहे किसान सशक्तिकरण अभियान के अंतर्गत झारखण्ड के रांची स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् में प्रबुद्ध प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किसानों को शाश्वत यौगिक खेती की जानकारी देने के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर माउंट आबू से आए संस्थान के कृषि एवं ग्रामीण विकास प्रभाग के कार्यकारी सदस्य बीके राजेंद्र ने अपने व्याख्यान में जीवन रूपी वृक्ष को उन्नत, समृद्ध और विकसित बनाने के लिए यौगिक कृषि की आवश्यकता पर बल दिया साथ ही जैसा अन्न वैसा मन इस मंत्र को पक्का कराया।
आगे स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभारी बीके निर्मला और केन्द्र के प्रभारी प्रधान डॉ. आर.एस. पान ने महत्त्वपूर्ण जानकारी से लाभान्वित कराने के लिए संस्थान का आभार व्यक्त किया।
ऐसे ही आगे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरल रेजिन एंड गम्स में भी इस अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस मौके पर मुख्य वक्ता बीके राजेंद्र ने सभा को संबोधित करते हुए केन्द्र के वैज्ञानिकों, तकनीकी आदि कर्मचारियों एवं उपस्थित किसानों को पंचामृत, पंचगव्य, जीवामृत तथा बीजामृत बनाने की सरल विधियाँ बतायीं। इस कार्यक्रम में बीके निर्मला भी मुख्य रूप से शामिल हुई।
आगे मुख्य रूप से मौजूद आईआईएनआरजी के प्रभारी निदेशक निर्मल कुमार और प्रिंसिपल वैज्ञानिक एस घोषाल ने भी अपने विचार रखे।
ऐसे ही कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में उपस्थित किसानों को संम्बोधित करते हुए बीके राजेंद्र ने कहा की हरित क्रांति व श्वेत क्रांति के साथ आध्यात्मिक क्रांति भी आवश्यक है। आध्यात्मिक क्रांति का यह ध्वज गाव में लहरायेगा तो सभी ग्रामवासियों का आपसी सम्मान भाव बढ़ जाएगा। लोग चरित्रवान, व्यसनमुक्त और गुणवान बनेंगे। इस मौके पर कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रधान अजित और स्वामी भवेशानंद भी मुख्य रूप से मौजूद थे. कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में बीके बिंदु द्वारा मेडिटेशन कमेंट्री के माध्यम से राजयोग अभ्यास भी कराया गया।