Ambikapur, Chhattisgarh
जीवन में खुशियां बहुत हैं लेकिन मनुष्य खुशी से जीने का पासवर्ड भूल गया है.. बिना खुशी के ये जीवन जैसे निरस सा लगता है.. मायुस सी ज़िन्दगी.. कभी भी किसी को रास नहीं आती.. फिर मानव करता क्या? खुद को तनावग्रस्त महसूस करता है.. और फिर तनाव से बचने का उपाय ढुंढता है.. कुछ इन्हीं अनसुल्झी परेशानियों से जूझते लोगों के जीवन में खुशियां भरने के लिए छत्तीगसगढ़ के अम्बिकापुर में ब्रह्माकुमारीज़.. एक नई सौगात लेकर आया… वाह ज़िन्दगी वाह.. कार्यक्रम का आयोजन देवीगंज रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित किया गया, जिसमें हज़ारों की संख्या में स्थानीय रहवासी भाग लेने पहुंचे।
त्रिदिवसीय इस कार्यक्रम का विषय था.. खुशियों का बिग बाज़ार.. जिसको सम्बोधित करने के लिए मुख्यालय माउण्ट आबू से माइंड ममरी ट्रेनर बीके शक्तिराज बतौर मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित हुए, इस दौरान अपने वक्तव्य में उन्होंने सोच की प्रक्रिया.. समर्थ एवं नकारात्मक विचारों से हमारे मन पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताया, साथ ही साथ सदा खुश रहने के लिए कई गतिविधियां कराई, जिसमें सभी ने उमंग उत्साह से भाग लिया।
इसी क्रम में केन्द्रीय जेल में भी कैदियों के लिए कार्यक्रम रखा गया, जिसमें बीके शक्तिराज ने अपना जीवन अच्छा बनाने के लिए भूतकाल को भूल.. वर्तमान में जीवन जीने की बात कही, साथ ही कैदियों को कुछ एक्टिविटिज़ कराकर उनमें उमंग भर दिया।
हर पल अपने जीवन को कौसता कैदी.. कारागार में अपनी गलतियों के बारे में ही सोचता रहता है.. और वहीं सज़ा खत्म होने का इंतज़ार करता है.. ये आध्यात्मिक सत्र इन कैदियों के लिए बहुत मायनों में सफल रहा.. क्योंकि इस सेमिनार के बाद.. इन सभी के चेहरों पर खुशी थी.. और दुर्भाग्यपूर्ण इस जीवन में भी उन्होंने खुश रहने की कला सीख ली थी.. ऐसा ही कुछ कहना है कार्यक्रम में प्रतिभागी कैदी का।
इस अवसर पर जेल अधिकारी राजेन्द्र गायक्वाड़ ने ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का इस आयोजन के लिए आभार माना.. और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों का निमंत्रण दिया।
इस दौरान जेल में महिला एवं पुरुष कैदियों के लिए राजयोगा मेडिटेशन के साप्ताहिक कोर्स की शुरुआत अम्बिकापुर सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके विद्या ने करते हुए आत्मा तथा परमात्मा का सत्य परिचय दिया।