Ambikapur, Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर सेवाकेंद्र द्वारा केंद्रीय ज़ेल में आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ ज़ेल अधिक्षक राजेन्द्र गायकवाड़, सरगुजा संभाग की प्रभारी बीके विद्या और 700 कैदी भाईयो की उपस्थिति में शिवध्वज फहराकर व केक काटकर किया गया। जब से तेरा दरबार मिला है तब से तेरा प्यार मिला है कि धुनों पर थिरकते इन लोगों को देखकर यही लग रहा होगा ना कि ये किसी फिल्म की शूटिंग का फिल्मांकन है। इन तस्वीरों को देखकर आप भी मंत्रमुग्ध हो गये होंगे। लेकिन ये तस्वीरें किसी फिल्म के फिल्माकंकन का नही बल्कि अम्बिकापुर के केन्द्रिय जेल के सलाखों के पीछे सजा काट रहे कैदियों की है। इनके लिए यह जेल भोलेनाथ के दरबार से कम नहीं है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा आयोजित आध्यात्मिक कार्यक्रम में कैदियों की प्रस्तुति देखकर हर कोई हैरान रह गया। गौरतलब है कि अम्बिकापुर जेल में ब्रह्माकुमारीज संस्थान का पिछले एक वर्ष से राजयोग ध्यान की कक्षायें चलती है और उसी के परिवर्तन कर नतीजा है कि जेल नर्क नहीं बल्कि जन्नत हो गयी है। जहां 700 कैदी निराकार परमात्मा शिव की यादो में गाते और झूमते नज़र आते हैं। ये ईश्वरीय महावाक्य और राजयोग से जगे आत्मविश्वास का कमाल ही है जो ये कैदी अपने अंदर की बुराईयों का त्याग और एक दूसरे की कमी कमज़ोरियों को न देखने का दृढ़ संकल्प ले रहे हैं और अपना अनुभव सुना रहें है। तो कैदियों के लिए दुख, भय, आत्मग्लानी जैसे नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति का द्वार बना ये ज़ेल।