“Excellence in Personal & Professional Life” at Puducherry

तमिलनाडु एंड पुदुचेरी बार काउसिल में ब्रह्माकुमारीज़ के ज्यूरिस्ट विंग द्वारा एक्सिलेंस इन पर्सनल एंड प्रोफेसनल्स लाईफ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया……….जिसमें मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस डॉ. अनीता सुमन्त, तमिलनाडु के ऐडवोकेट जनरल विजय नारायण, मद्रास हाई कोर्ट एडवोकेट ऐसोसिएशन के अध्यक्ष जी. मोहाना क्रिसनन, वूमेंस ऐसोसिएशन की अध्यक्षा नलीनी, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य न्यायधीश वी ईश्वरीया, ज्यूरिस्ट विंग के अध्यक्ष बीके बी.एल महेश्वरी, तमिलनाडु ज़ोन की सर्विस कार्डिनेटर बीके बीना, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके कलावथी, बीके उमा, तमिलनाडु ज़ोन में मीडिया विंग के कार्डिनेटर बीके सुंदरसेन मुख्य रूप से उपस्थित थे।
किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में उत्कृष्टता, व्यक्ति में व्यवहार करने की कला पर निर्भर करता है……..व्यक्ति जितना संयमित और शांत होता है, उसमें व्यवहार करने की कला उतनी लाजवाब होती है……….और राजयोग मेडिटेशन वो माध्यम है जो हमारे मन को शांत और बुद्धि को तीक्ष्ण बनाता है, जिससे व्यक्ति में व्यवहार करने की कला धीरे-धीरे विकसित होती चली जाती है।
इस दौरान उपस्थित कई अतिथियों ने संस्था के सम्पर्क में आने के बाद हुए अनुभवों को सभी के साथ साझा किए।
इसी क्रम में आर.ए पुरम् स्थित इमेज सभागार में न्यायिक विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए मूल्य विषय पर डायलॉग का आयोजन किया गया……इस कार्यक्रम का शुभारंभ मद्रास उच्च न्यायलय के पूर्व न्यायधीश के.एम. नटराजन, ए.एस नटराजन, वी. ईश्वरीया, बीके बी.एल महेश्वरी, संस्थान के प्रशासक प्रभाग की अध्यक्षा बीके आशा, न्यायविद प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके लता, बीके बीना, बीके नीलिमा, बीके मुथुमनी की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
सम्मेलन के दौरान बुद्धि जीवियों ने सभी का ध्यान खिंचवाते हुए बताया कि आज जितने भी मामलें न्यायालय में आ रहें हैं उन सबका मूल कारण काम, क्रोध, लोभ, मोह, अंहकार जैसे विकार हैं, व्यक्ति इनके वशीभूत होकर अपराध कर देता है, और उसके बाद वह पश्चाताप करता है,…..ऐसे अपराधियों को सुधारने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग एकमात्र ऐसा सहारा है, जैसे डूबते को तिनके का सहारा।

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