नेपाल में ठमेल स्थित विश्वशांति भवन के 50वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में स्वर्ण जयंति महोत्सव का आयोजन किया गया I जिसका शुभारंभ नेपाल की प्रथम महिला राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी, संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, काठमांडू ज़ोन की निदेशिका बी.के. राज, सह निदेशिका बी.के. किरण, संस्थान की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बी.के. उषा ने दीप जलाकर किया।
शुभारंभ के पश्चात् अपनी शुभकामनाओं में नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने कहा कि यह संस्थान सिर्फ भारत और नेपाल में ही नहीं बल्कि समस्त विश्व में मानव जाति में सत्यता, अंहिसा, चित्तशुद्धता और चारित्रिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण का कर रही है। जो आज के समय की सबसे ज्यादा जरुरत है।
इसके साथ ही मुख्य वक्ता के तौर पर आए बी.के. बृजमोहन ने कहा कि जिस संस्थान का संचालन महिलायें करेगी निश्चित रुप से उसमें अप्रत्याशित सफलता मिलेगी। इसका उदाहरण ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान है। अगर महिलाओं का सशक्तिकरण हो जाए तो पूरे विश्व का सशक्तिकरण सम्भव है I वहीं बी.के. उषा ने गीता शास्त्र के एक-एक अध्याय को योग बताया, लेकिन आज की दुनिया के अंदर योग को योगा समझ लिया गया है।
इसी क्रम में बी.के. राज ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि नेपाल से ही शांति और ज्ञान का संदेश पूरे विश्व में जायेगा।