विश्व में 133 देशों में आध्यात्म और राजयोग का कुशलता पूर्वक प्रचार प्रसार करने वाली ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की 80वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में चेन्नई के हैप्पी विलेज रिट्रीट सेंटर पर दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके उद्घाटन अवसर पर पूरे राज्य से लगभग 600 प्रख्यात हस्तियों ने भाग लिया और शिवध्वज फहराकर शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में हैदराबाद उच्च न्यायलय के न्यायधीश रामा सुब्रमन्न्यम ने अपने उद्घाटन भाषण में बताया की खुशी भौतिक पदार्थों से प्राप्त करने वाली चीज़ नहीं बल्कि अध्यात्मिकता द्वारा स्वयं में प्राप्त करने वाली चीज़ है साथ ही कैंसर इंस्टी्टयूट की चेमरमेन पद्यम विभूषण डॉ. वी. शांता ने संस्थान द्वारा स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन की मुहीम की सराहना की।
इस कार्यक्रम में मौजूद सभी के चेहरे खुशी से तब खिल उठे जब संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने विडीयों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी को संबोधित करते हुए हर कर्म को सर्वोच्य सत्ता निराकार परमात्मा शिव की याद में करने की बात कही।
वहीं मुख्य वक्ता के तौर पर माउंट आबू से आयी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके उषा ने महाभारत के वृत्तांत की स्मृति दिलायी जिसमें श्रीकृष्ण और अर्जुन को अपने स्वधर्म में स्थित होने का उपदेश दिया और सभी को स्वयं के वास्तविक स्वरूप से रूबरू कराते हुए स्वधर्म की स्मृति में रहने की बात कही।
इस दौरान तमिलनाडु सरकार के पूर्व सचिव आइ.ए.एस डॉ. जी सैंथानम, तमिलनाडु ज़ोन की सर्विस कार्डीनेटर बीके बीना, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके कलावथी, बीके मुथुमनी, बीके देवी ने भी अपने अनुभावों से सभी को लाभान्वित किया।
शुभारंभ सत्र के पश्चात् जीवन में शांति और खुशी का अनुभव करने के लिए एक व्यवाहरिक सत्र का आयोजन किया गया जिसमें बीके उषा ने सभी को अध्यात्म का अर्थ बताते हुए जीवन में अध्यात्मिकता द्वारा स्वतः ही शांति व खुशी का अनुभव होने बात बताई।
अंत में ‘मेरा चेन्नई शांतिपूर्ण चेन्नई’ अभियान का शुभारंभ किया गया इस अभियान के तहत छह मास की अवधि में विभिन्न क्षेत्र से जुडे लोगों को आंतरिक शांति का अनुभव करने के लिए संस्थान के सदस्य जागरूक करेगे जिससे लोगों को रहने के लिए एक शांतिपूर्ण माहौल मिल सके।