देश का 72वां स्वतंत्रता दिवस ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने देश का राष्ट्र ध्वज फहराकर तिरंगे को सलामी दी, साथ ही बुराईयों से मुक्त होने का सभी से आह्वान किया।
आज़ादी ये वो लफ्ज़ है जिससे सभी को प्यार है, क्योंकि हर व्यक्ति अपने जीवन में स्वतंत्रता चाहता है, एक तरफ बंधन व गुलामी मनुष्य को बोझिल व दुखी कर देती है तो आज़ादी व्यक्ति को सुकून व शांति देने के साथ ही उसे उंचा उठाने में अहम भूमिका निभाती है ऐसे में यदि कोई देश किसी देश की गुलामी से आज़ाद हुआ हो तो वह दिन पूरे राष्ट्र के लिए सबसे खास दिन होता है और 15 अगस्त ये वो तारिख है जो भारतवासियों को उस दिन की याद दिलाता है जब भारतवासियों ने आजादी की खुली हवा में सांस ली इसलिए इस दिन पूरा देश जश्न के रूप में इसे मनाता है वहीं ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन परिसर में संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने एक तरफ देश के आज़ादी की बधाईयां दी तो दूसरी ओर पूरे विश्व को बुराईयों और विकारों से आज़ादी दिलाने के लिए ईश्वरीय कार्य में सहयोगी बनकर रामराज्य लाने का आहवान किया।
इस मौके पर संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, कोषाध्यक्ष राजयोगिनी दादी ईशू, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, ज्ञानामृत पत्रिका के संपादक बीके आत्मप्रकाश, शांतिवन के प्रबंधक बीके भूपाल, मुख्य अभियंता बीके भरत, भोपाल ज़ोन की निदेशिका बीके अवधेश समेत संस्थान के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने ध्वज़ फहराया और तिरंगे को सलामी दी।
ये अवसर देश की आज़ादी का था, उसके सम्मान का था और शहीदों की शहादत को सलामी देने का था ऐसे में परेड व सलामी मौके को और भी खास बना देती है, इसलिए इस बार सिक्योरिटी गार्ड्स और स्काउट गाइड द्वारा दिया गया परेड का प्रदर्शन काफी शानदार रहा।
शांतिवन के अलावा माउंट आबू के ज्ञान सरोवर परिसर में भी मुंबई में मलाड सेवाकेंद्रों की प्रभारी बीके कुंती, ज्ञानसरोवर के प्रबंधक बीके अशोक गाबा समेत अनेक सदस्यों ने राजयोग द्वारा स्वयं को व पूरे देश को बुराईयों से आज़ाद कराने का संकल्प कराते हुए राष्ट्रगान किया व ध्वज फहराकर देश का सम्मान किया।