भले ही आज गौरक्षा को लेकर तरह तरह के वाद विवाद हो रहे है लेकिन यदि व्यक्ति भावनाओं के साथ उपयोगिता को भी लेकर भी प्रयास करे तो गाय मनुष्य के लिए सभी पशुओं में ज्यादा उपयोगी साबिति हो सकती है। गायों के प्रति सम्मान और उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए ब्रह्माकुमारीज संस्थान गुरुग्राम में गौशाला का निर्माण किया गया है। 35 गायों वाली इस गौशाला का विधिवत संस्थान द्वारा उद्घाटन किया गया।
इस गौशाला का शुभारंभ ओम् शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशिका बीके आशा, सह निदेशिका बीके गीता एवं अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने नारियल फोड़कर किया। इस अवसर पर बीके आशा ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि गाय दूध देकर हमारी पालना करती है। इसलिये भारत देश में गाय को गौ माता कहकर पुकारते है।
गुरुग्राम का ओआरसी अर्थात ओम शांति रिट्रीट सेन्टर से एक किलोमीटर दूर दो एकड़ में एक ऐसी गौशाला का निर्माण किया गया है, जिसमें देशी के साथ विदेशी नस्ल की भी गाये देखने को मिल जायेगी। गायों के नस्ल को बढ़ावा देने लिए ही गौशाला का निर्माण किया गया है, जिसमें 35 से भी अधिक गायें है जिसमें से अधिकतर गायें दूध देती है।
गौशाला के प्रभारी बीके बिजेंद्र ने गौशाला की जानकारी देते हुए बताया कि सर्दी एवं गर्मी के मौसम को देखते हुये गायों के रख – रखाव में अत्यंत सर्तकता बर्ती जाती है एवं समय प्रति समय पर गायों के स्वास्थ्य की भी जांच की जाती है। इस गौशाला से जहां गायों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा, साथ ही मिलने वाले दूध से कई तरह की चीजें भी बनायी जायेगी जो लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।