बेटियां हमारे घर की शान और शोभा है, लेकिन हम उन्हें गर्भ में मार रहें है और फिर मंदिर में जाकर धर्म की घंटी बजा रहे हैं, ऐसा धर्म कर्म करने से कोई लाभ नहीं होने वाला, ये उक्त विचार हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत के हैं जो उन्होंने शुन्नी में ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा नवनिर्मित सेवाकेंद्र के उदघाटन अवसर पर व्यक्त किए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपने अक्सर लोगों से सुना होगा किसी की प्राईवेट लाईफ कैसी भी हो लेकिन उसकी पब्लिक लाईफ ठीक होनी चाहिए.. लेकिन भारत की संस्कृति कहती है जिसकी प्राइवेट लाईफ गंदगी का नमूना है उसकी पब्लिक लाइफ कभी ठीक नहीं हो सकती
अपने व्यक्तव को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि जो हमारे विचारो में हो वही हमारे मुख और कर्म में हो।
इसके साथ ही संस्था की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे मनुष्यों का निर्माण जो आप लोग कर रहें हैं निश्चित ही यह भगवान की बनायी हुई व्यवस्था को सुधारने में सहयोग का कार्य करेगा।
इस दौरान पंजाब ज़ोन के निदेशक बीके अमीरचंद ने कहा कि हम ईश्वर के सामने जाकर कहते हैं त्वमेव मातश्चय पिता त्वमेव लेकिन यह मानते नहीं….यह ईश्वरीय विश्वविद्यालय लोगों में यही विश्वास पैदा करता है कि आप ईश्वर की संतान होने के कारण आपके अंदर भी ईश्वरीय गुण हैं बस हमें राजयोग के माध्यम से उन्हें जाग्रत करने की आवश्यकता है।
लोगों की सेवा में समर्पित ओम् शांति भवन का शुभारंभ महामहिम राज्यपाल ने, बीके अमीरचंद, माउंट आबू से आयी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके उषा, बीके प्रकाश, बीके रेवदास, सेवाकेंद्र प्रभारी बीके सकुन्तला की उपस्थिति में शिवध्वज फहराकर अनावरण किया ।
अंत में बीके उषा ने महामहिम राज्यपाल और उनकी धर्मपत्नि दर्शना देवी को ईश्वरीय सौगात भेंट कर सम्मानित किया……और संस्था के मुख्यालय माउंट आबू आने का निमंत्रण भी दिया।