हम सांसरिक भोगों को नहीं भोगते लेकिन भोग हमको भोग लेते हैं, भोग आत्मा का शोषण करते हैं और त्याग आत्मा का पोषण करते है, ये उक्त विचार संस्थान के मुख्यालय माउंट आबू से आयीं ज्ञानामृत पत्रिका की सहसंपादिका बीके उर्मिला के हैं जो उन्होंने हरियाणा के तोशाम में दीक्षार्थी मुकूल जैन मंगल भावना समारोह में व्यक्त किये।
यह भव्य दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह मुकुल जैन का मनाया गया जिसमें बीके उर्मिला ने त्याग और तपस्या का महत्व बताते हुये कहा कि त्यागी व्यक्ति का चेहरा गुलाब की तरह खिला हुआ रहता है और भोगी व्यक्ति का चेहरा उदास और मुरझाया हुआ रहता है।
कार्यक्रम में समाज की महिला पदाधिकारियों द्वारा बीके उर्मिला एवं स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभारी बीके मंजू को मोमेंटों भेंट कर सम्मानित किया गया।
इससे पूर्व नगर में शोभायात्रा निकाली गई जिसमें जैन समाज की महिलाओं ने बढ़चढकर सहभागिता की, इस मौके पर स्थानीय सेवाकेंद्र द्वारा नशामुक्ति झांकी निकाली गई थी जिसके द्वारा अनेक लोगों को बीड़ी, सिरगेट व तम्बाकू का सेवन न करने के लिए प्रेरित किया गया।