शोधकर्ताओं की खबर, राजयोग को अपनी प्रैक्टिकल लाईफ में इम्प्लीमेंट करने का प्रशिक्षण देने वाला ‘स्पार्क प्रभाग’ जिसकी 23वीं वार्षिक मिटिंग और मेडिटेशन रिट्रीट का भी आयोजन किया गया। यह रिट्रीट पांच दिवसीय है जिसमें देशभर से कई शोधकर्ताओं ने भाग लिया।
इस तेइसवीं वार्षिक मीटिंग का शुभारंभ संस्था के महासचिव बीके निर्वैंर, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की निदेशिका बीके संतोष, प्रभाग की अध्यक्षा बीके अंबिका, मुख्यालय संयोजक बीके श्रीकांत ने दीप जलाकर किया। इसके पश्चात बीके निर्वैंर ने अपनी शुभकामनाओं में संस्था के साकार संस्थापक पिताश्री ब्रह्मा बाबा को याद करते हुए कहा कि मैंने ब्रह्मा बाबा को राजयोग द्वारा कर्मातीत अवस्था को प्राप्त करते प्रक्टिकल में देखा है।
मिटिंग में सीनियर फैकल्टी मेंबर्स ने राजयोग द्वारा अनेक अवस्थाओं जैसें अशरीरी अवस्था, फरिस्ता स्थिति, डीप साइलेंस, अपने आंतरिक गुणों के स्वमान में स्थित होने जैसे कई विषयों पर गहराई से चर्चा की गई।