पॉजीटिव साइकोलॉजी एण्ड स्प्रिचुअलिटी फॉर होलिस्टिक हेल्थ विषय पर नोएडा के एमीटी यूनिवर्सिटी में नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया। मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ योगा, आयुष मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सहयोग से आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ दीप जलाकर व सरस्वती वंदना द्वारा किया गया। साथ ही सभी को पौधे भी वितरित किए गए।
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारत में ग्लोबल पीस इनीशिएटिव की डायरेक्टर बीके डॉ बिन्नी, ए एस टी आई एफ के प्रसीडेंट डॉ डब्ल्यू सेल्वामूर्ति, एमिटी के वाइस चांसलर डॉ प्रोफेसर बलविंदर शुक्ला, मोरारजी देसाई इंस्टीटयूट ऑफ योगा के डायरेक्टर डॉ आई वी बसवरेड्डी, इंस्टीट्यूट की डीन एण्ड डायरेक्टर डॉ प्रोफेसर आभा सिंह, मिनिस्टर ऑफ माइंस के सेक्रेटरी बलविंदर कुमार में से कुछ विशिष्ट लोगों ने अपने अनुभवों द्वारा बताया कि किस तरह से मनुष्य के पास सबकुछ होते हुए भी जीवन में जो अशांति है उसका कारण है कि अब तक आध्यात्म को जीवन का हिस्सा नहीं बनाया है। तो वहीं कुछ विद्वानों ने
कार्यक्रम में मौजूद बीके डॉ बिन्नी ने संस्था प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी की असीमित उर्जा व एकाग्रता के बारे में लोगों को प्रेजेंटेशन के माध्यम बताया कि राजयोग किस तरह से संपूर्ण स्वास्थ प्रदान करने में कारगर है। साथ ही अन्य लोगों ने नकारात्मक विचारों का शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव की भी जानकारी दी।
अन्य उपस्थित अतिथियों ने संक्षिप्त में ब्रेन और माइंड के फंक्शन के बारे में बताया तथा किस तरह से विदेशों में भारतीय मेडिटेशन व स्प्रचुअलिटी को अपनाया जा रहा है इस पर भी प्रकाश डालते हुए
अपने संबोधन के अंत में बीके डॉ बिन्नी ने योगाभ्यास कराया जिसकी सभी ने सराहना की। साथ ही अतिथियों ने हयूमन वैल्यूज साइकोलॉजिकल प्रॉस्पेक्टिव बुक का विमोचन भी किया। अंत में सभी को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ओआरसी की राजयोग शिक्षिका बीके आशिमा भी मौजूद रही।