ब्रेन ट्यूमर का रोग ऐसा रोग है.. जिस पर जीत पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असम्भव भी है.. क्या हो अगर.. कोई ट्यूमर के साथ अपनी ज़िन्दगी के 25 वर्ष बिता लें.. और स्वस्थ भी रहें, साथ ही खुशहाल भी.. बुलेटिन की शुरुआत आज इसी खबर से है.. ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मुख्यालय आबू रोड स्थित शांतिवन परिसर के कॉन्फ्रेन्स हॉल में बीके सुरेन्द्र के ब्रेन ट्यूमर की 25वीं वर्षगांठ पर वेलनेस ओवर इलनेस विषय पर सेलेब्रेशन आयोजित किया गया।
बीके सुरेन्द्र.. मध्यप्रदेश के नीमच में संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक है.. और पिछले 25 वर्षों से ब्रेन ट्यूमर से ग्रसित है.. लेकिन अपनी खुशहाल ज़िन्दगी की दास्ता सुनाते हुए उन्होंने जिक्र किया इस बात का .. कि ये ट्यूमर और वो स्वयं.. दोनों साथ-साथ मिलकर चल रहे है।
जीवन में किसी बीमारी के अंश मात्र से ही लोग.. घबरा जाते है.. और निराशा में दिन व्यतीत करते है.. और यदि कोई भयानक बीमारी का शिकार हो बैठे.. तो ये निराशा इतनी बढ़ जाती है.. कि तन के साथ-साथ उसका मन भी धीरे धीरे बीमार होना शुरु हो जाता है.. लेकिन बीके सुरेन्द्र का जीवन .. कुछ और ही संदेश देता हुआ नज़र आया.. मानो ये बीमारी ना हो बल्कि उनके लिए वरदान बन गया हो…।
वहीं आगे बीके सुरेन्द्र ने इन 25 वर्षों में की गई ईश्वरीय सेवाओं का भी जिक्र किया।
उनकी हैल्दी स्वास्थ्य की 25वीं सालगिरह पर संस्था प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी ने बीके सुरेन्द्र को अपने आर्शीवचन देते हुए कहा कि भगवान ने उनसे बहुत सेवाएं कराई है.. और उनका जीवन ऐसे ही खुशहाल रहें।
इस अवसर पर राजयोगिनी दादी जानकी समेत राजयोगिनी दादी इशु, संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, वरिष्ठ राजयोगी बीके सूरज, कार्यक्रम प्रबंधिका बीके मुन्नी, गॉडलीवुड स्टूडियो के कार्यकारी निदेशक बीके हरिलाल, नीमच सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके सविता, वरिष्ठ अभियंता बीके भरत समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने केक काटकर बीके सुरेन्द्र को बधाई एवं अपनी शुभकामनाएं दी।
इस दौरान नीमच सेवाकेन्द्र से जुड़े सदस्यों द्वारा एक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई, जिसमें उनके युवा काल से लेकर अब तक की जीवन घटनाओं का प्रदर्शन.. इस नृत्य नाटिका में शामिल था..
वहीं आगे संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा बीके सुरेन्द्र का सम्मान किया गया। इस अवसर पर राजस्थान ज़ोन की वरिष्ठ बीके बहनों समेत नीमच सेवाकेन्द्र के सभी सदस्य एवं बड़ी संख्या में अन्य सदस्य मौजूद थे।