अगर हम आपसे पूछें कि रिस्ते कहां बनते हैं। तो आप क्या कहेंगे? रिस्ते बनते हैं आपके मन में, अगर आपकी किसी के प्रति राय अच्छी है तो उससे आपका रिस्ता बढ़िया ही होगा। ऐसा कहना है जीवन प्रबंधन विशेषज्ञ बीके शिवानी का।
बीके शिवानी कुछ दिनों के लिए कोलकाता दौरे पर थी। जहां लेडिज़ स्टडी ग्रुप द्वारा अंडरस्टैडिंग रिलेसनशिप पर टॉक का आयोजन किया गया था।
कहते हैं भूलना आसान है, और याद रखना कठिन है। लेकिन आज रिस्तों के मामले में भूलना कठिन और याद रखना आसान हो गया है। हम अपनो द्वारा कही गलत बातों को हमेशा याद रखते हैं। लेकिन अच्छी बातों को जल्दी भूल जाते हैं, जोकि रिस्तों में कड़वाहट का कारण बनता है। अगर हमें अपने रिस्तो को संवारना है तो उनकी गलत बातों को भूलना और अच्छी बातों को याद रखना है। और इसमें मदद करता है सकारात्मक चिंतन सकारात्मक चिंतन एक ऐसी विधि है। जो रिस्तों में आई कडवाहट को मिठास में परिवर्तित कर देती है रिस्तों को संवारने के लिए ऐसी ही कुछ बारीकियां बताई जीवन प्रबंधन विशेषज्ञ बीके शिवानी ने।