मध्यप्रदेश के सागर में मूल्यनिष्ठ समाज के निर्माण के लिये पत्रकारिता की भूमिका विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें संस्थान के मुख्यालय से आये संस्थान के पी.आर.ओ. एवं पीस न्यूज विभाग के हेड बीके कोमल, इंक मीडिया इंस्ट्यिूट ऑफ जर्नलिज्म के डायरेक्टर डॉ. आशीष द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार पंकज जोशी, यूटीडी में पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर डॉ. राकेश शर्मा, टीकमगढ़ से आये वरिष्ठ एडवोकेट रघुवीर सहाय चौबे, डॉ. अशोक पन्या, अंतर्राष्ट्रीय बिहेवियर साइंटिस्ट एवं जाने – माने लेखक डॉ. अजय शुक्ला, स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभारी बीके छाया, खुरई सेवाकेंद्र की प्रभारी बीके किरण, राजयोग शिक्षिका बीके लक्ष्मी, बीके नीलम एवं बीके सरोज मुख्य रूप से उपस्थित थीं।
मध्य प्रदेश के सागर में खबरनवीशों के लिए आयोजित कार्यक्रम कई मायनों में अहम रहा। करीब तीन के घंटे के आयोजन में सकारात्मक पत्रकारिता पर रुझान आने वाले समय के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है। सागर शहर में यह पहली बार का आयोजन था जिसमें सकारात्मक पत्रकारिता और सिर्फ सामाजिक मूल्यों पर बात की गयी। गॉडलीवुड स्टूडियो के पीस न्यूज के हेड बीके कोमल ने पत्रकारिता की चुनौतियों और समस्याओं के बीच मूल्यों को पुनर्स्थापित किया जाये। क्योकि मूल्यनिष्ठ समाज तथा मूल्यनिष्ठ परिवार के लिए माहौल का होना जरुरी है। इसके लिए मीडिया बखूबी अपनी भूमिका निभा सकती है। बिना दबाव और तनाव के अपने मूल सिद्धांतों के साथ मीडिया कार्य करे तो निश्चित तौर पर एक बेहतर और मूल्यनिष्ठ समाज बनाने की पहल की जा सकती है।
विहैवियर साईटिंस्ट डॉ. अजय शुक्ला ने कहा कि समाज के मार्गदर्शकों ने अपनी सुविधा अनुसार और स्वार्थीवादी सिद्धी के चलते वेद शास्त्रों और ग्रंथों में से नकारात्मक बातों को निकालकर समाज में फैला रहे हैं जो लोगों को भटका रहा है और मनुष्यता खत्म हो होती जा रही है अब पत्रकारों को चाहिये कि वे समाज में घट रहीं सकारात्मक घटनाओ को अपनी कलम के माध्यम से बढ़वा दें तो समाज में मूल्यों को बढ़ावा मिलेगा और लोगों में आशा का माहौल बनेगा
समारोह में आये मीडियाकर्मियों को उनके द्वारा समाज विकास के लिए दिये जा रहे योगदान के लिए उन्हें ब्रह्माकुमारीज संस्थान की ओर से शॉल और मोमेंटों भेंटकर सम्मानित किया गया। इसपर पत्रकारों ने खुलकर सकारात्मकता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
इस दौरान अन्य अतिथियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये और मीडिया में आध्यात्मिक मूल्यों के समावेश को आवश्यक बताया।