जर्मनी के बार्न में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन सीओपी 23 का आयोजन हुआ……सम्मेलन में पूरी दुनिया के गर्वनमेंट, सिविल सोसाइटी, प्राइवेट सेक्टर, इंटर गवर्नमेंटल बॉडीज और नॉन पार्टी स्टेकहोल्डर्स फील्ड के पच्चीस हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया…….यह जर्मनी में आयोजित हुए सम्मेलनों में सबसे बड़ा सम्मेलन था।
सीओपी 23 का शुभारंभ स्कूली बच्चों के सुंदर गीत की प्रस्तुति से हुआ, फिर मोरक्को के राष्ट्रपति मेजोरा, जर्मन पर्यावरण मंत्री फै्रंक बैनिमारामा, फिजी प्रधान मंत्री और बारबरा हेन्ड्रिक्स ने उद्घाटन भाषण दिया,……इस सम्मेलन में ब्रह्माकुमारीज़ को एक स्टैण्ड दिया गया जिसमें वर्ल्ड रिनिवल ट्रस्ट के इंडिया वन प्रोजेक्ट को प्रदर्शित किया गया …….
इस दौरान ब्रह्माकुमारीज़ में यूरोप और मिडिलईस्ट की निदेशिका बीके जयंति, यूएन में ब्रह्माकुमारीज़ की प्रतिनिधि वैलरीन बर्नार्ड, इंडिया वन प्लांट के सलाहकार गोलो पिल्ज़ समेत अनेक बीके सदस्य मोजूद थे।
बार्न में सीओपी का यह नवां सम्मेलन था……जिसमें ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के ‘इंडिया वन’ प्रोजेक्ट को जर्मन पर्यावरण मंत्रालय ने अपने अभियान ‘रेडी फॉर द फ्यूचर’ में सम्मिलित कर…….मंत्री बारबरा हेन्ड्रिक्स ने अधिकारिक रूप से प्रस्तुत किया…….यह एक चमत्कारिक शरूआत थी।
उर्जा इस दुनिया के लिए सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है, लेकिन उर्जा और ईधनों की कीमतें दिनों दिन बढ़ रही है…और ग्लोबल वार्मिग के नकारात्मक प्रभाव भी हमें दिखाई दे रहें है…….इस समस्या से निपटने के लिए हमें उर्जा और ईधनों के अन्य विकल्पों को भी अपनाना चाहिए…..इसी क्षेत्र में एक कदम आगे बढ़ाते हुए ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के वर्ल्ड रिनिवल स्प्रिचिअुल ट्रस्ट ने भारत के राजस्थान में वन मेगावाट बिज़ली का उत्पादन करने वाला सोलार थर्मल पॉवर प्लांट स्थापित किया है…….लोगो में उर्जा के इसी विकल्प को लेकर जागरूकता फैलान के लिए संस्थान सीओपी 23 में ‘इंडिया वन’ को प्रदर्शित कर रहा है।
जर्मनी सक्रिय रूप से जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में व्यस्त है, और ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के सदस्य भी आध्यात्मिकता और पर्यावरण के बीच संबंधो के बारें जागरूकता फैलाने के लिए कई जर्मन शहरों में कार्यक्रम आयोजित किए थे, जिसमें पहला शहर हैम्बर्ग था…….इसके पश्चात ब्रेमेन में ‘वल्र्ड इन ट्रानसिशन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें ‘इंडिया वन’ प्रोजेक्ट के सलाहकार गोलो पिल्ज़ ने 25 से अधिक लोगो को जलवायु परिवर्तन के नवीनतम वैज्ञानिक प्रमाणों को वर्णित किया….साथ ही भारत में चल रहे है इंडिया वन प्रोजेक्ट से भी रूबरू कराया………..कार्यक्रम का समापन पर्यावरण के प्रति मेडिटेशन द्वारा किया गया।
बाॅन में इस जलवायु वार्ता से पहले 25000 प्रदर्शनकारियों ने ग्लोबल वार्मिग को रोकने के लिए प्रदर्शन कर कार्यवाही करने की मांग की, जिसमें ब्रह्माकुमारीज़ में जर्मनी के सदस्यों ने भी भाग लिया।