चेन्नई के हैप्पी विलेज रिट्रीट सेंटर पर न्यायविदो के लिए ‘कानून और आध्यात्मिकता’ पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया,……जिसमें राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्य जस्टिस पी. ज्योतिमनी, मद्रास उच्च न्यायलय की न्यायधीश पुष्पा सत्यनारायण, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायलय के पूर्व न्यायधीश वी. ईश्वरैय्या, संस्थान के ज्यूरिष्ट विंग के अध्यक्ष बीके बी.एल महेश्वरी, राष्ट्रीय संयोजिका बीके पुष्पा, गुरूग्राम के ओम् शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशिका बीके आशा, तमिलनाडु ज़ोन की सर्विस कोआर्डिनेटर बीके बीना, अद्यार की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके मुथुमनि समेत 500 से अधिक न्याय प्रक्रिया से जुड़े लोगो ने भाग लिया।
एक दिवसीय इस राष्ट्रीय सम्मेलन में आए बुद्धिजीवियों ने लॉ एंड स्प्रिचुएलिटी पर चर्चा करते हुए कहा कि न्याय पाने के लिए जनता का एकमात्र माध्यम न्याय प्रणाली है, परन्तु इसमें किसी से भी गल्ती हो सकती है,…. लेकिन अगर व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से सशक्त हैं तो गल्ती की सम्भावना काफी कम होती है……..
डॉ. पी ज्योतिमनी ने कहा कि आज हम अपनी उच्चतम जीवन प्रणाली को भूल गये हैं……हमें उन्हें मूल मूल्यों से शिक्षित करने की जरूरत है……और इसमें आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग मददगार साबित होगा।
सम्मेलन के दूसरे सत्र में पैनल डिस्कशन का भी आयोजन किया गया…..जिसमें शहर की कई प्रसिद्ध हस्तियों ने भाग लिया।