जीवन में कैसी भी परिस्थिति आ जाए लेकिन यदि व्यक्ति के आंतरिक गुण और शक्तियां बढ़ जाए व चेहरे की मुस्कान बनी रहे, तो सही मायने में यही वास्तविक श्रृंगार है ऐसा कहना था ज्ञानामृत पत्रिका की सहसंपादिका बीके उर्मिला का जो माउंट आबू से विशेष रूप से मुंबई के वाशी सेवाकेंद्र पर पधारी थीं और दिव्य गुण श्रेष्ठ श्रृंगार विषय पर बोल रहीं थीं।
इसके पश्चात सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शीला ने अवगुणों को कचरे की संज्ञा देते हुए उसे छोड़ने की बात कही तथा उपस्थित विशिष्ट अतिथियों ने अपने दिल के उद्गार रखे।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन बीके उर्मिला, बीके शीला समेत इंडियन क्रिकेट टीम के फिजिकल फिटनेस के डॉ. रमेश माने, डॉ. अल्का चड्ढ़ा, सिंगर कृष्णा गांगुली व डॉ. रतन राठौड़ ने दीप जलाकर किया।