केरला के कोच्चि में ब्रहमाकुमारीज एवं राजयोग एजुकेशन के ज्यूरिस्ट प्रभाग द्वारा नेशनल जूरिस्ट कांफे्रंस ओन जस्टिस फार पीस एंड हैप्पीनेस विषय पर सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें सर्वोच्चय न्यायलय के न्यायधीश कोरियन जोसेफ, पूर्व न्यायधीश साइरिएक जोसफ़, केरल उच्च न्यायलय के न्यायाधीश एवी रामाकृष्णनन पिल्लई, मध्यप्रदेश उच्च न्यायाधीश के पूर्व न्यायाधीश भगवान दास राठी, सीनीयर एडवोकेट एमआर राजेंद्र, ज्यूरिस्ट प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके रश्मी ओझा, समेत कई विशिष्ट लोग मुख्य रूप से मौजूद थे।
सम्मेलन में कोरियन जोसेफ ने कहा कि हम सही निर्णय तभी दे सकते है जब हमारी बुद्धि एकाग्र हो और हमें सही व गलत को परखने की क्षमता हो इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आध्यात्मिक ज्ञान से हमारे जीवन में मानवीय मूल्य आते हैं जो एक न्यायधीश के लिये अति आवश्यक हैं।
सम्मेलन के दूसरे दिन केरला उच्च न्यायलय के न्यायधीश बी केमल पाशा, सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिबुनल के पूर्व एडमिनिस्ट्रेटिव मेम्बर टी.एन.टी नायर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए, इस दौरान अतिथियों ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया का मूल कर्तव्य है कि कठिन परिस्थितियों में समाज में शांति और खुशी का संतुलन बनाये रखे, लेकिन यह तभी हो सकता है, जब न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोग स्वयं में शांति व खुशी का संतुलन बनाए रखें।