बिना अधिक सोच के जो काम बार-बार किया जायें उसे आदत कहते हैं और इस आदत को शुरूआत में तो व्यक्ति बनाता है फिर बाद में ये आदत व्यक्ति को बनाती है अगर आदत अच्छी है तो व्यक्ति निखर जाता है और अगर गलत है तो व्यक्ति बिखर जाता है इसका प्रबल उदाहरण हैं वो लोग जो किशोरावस्था में दोस्तों के साथ तम्बाकु का सेवन शौकिया रूप में करते है फिर वह शौक आदत में और आदत कब लत में परिवर्तित हो जाती है पता ही नहीं चलता और इसी आदत की वजह से आज दुनिया में हर घंटे 150 लोगो की जाने जाती है जिसके लिए वल्र्ड हैल्थ ऑर्गनाइजेशन काफी चितिंत है उसने 31 मई को नो टूबैको डे के रूप में घोषित किया है ताकि लोगों को तम्बाकू से होने वाले नुक्सानों से सचेत किया जा सके ब्रह्माकुमारिज संस्थान भी इस बात को लेकर काफी गम्भीर है, और अपना उत्तरदायित्व समझते हुए पूरे वर्ष व्यसन मुक्ति के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती है आईए देखिए इस पर हमारी एक रिपोर्ट
राजस्थान का एकमात्र पहाड़ी नगर माउंट आबू जो एक पवित्र और पूजनीय तीर्थस्थल बना हुआ है यहां की प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेने के लिए दूर दूर से लोग खिंचे चले आते है…इस पवित्र भूमि का आध्यात्मिक वातावरण लोगों को इस कदर छूता है कि हर कोई इसके शांतमय माहौल को बार-बार अनुभव करना चाहता है और इसी शांति का अनुभव करने के लिए लोग यहां से अपनी बुराईयों को छोडकर जाने का दृढ संकल्प करते है अब ये स्थान पर्यटक केंद्र, आध्यात्मिक केंद्र के साथ-साथ नशामुक्त केंद्र भी बन चुका है
माउंट आबू स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारिज ईश्वरीय विश्वविद्यालय जो लगातार अपनी निस्वार्थ, सामाजिक और आध्यात्मिक सेवाओं के लिए सुप्रसिद्ध है साथ ही आज संसार में युवाओं में तेजी से बढ रहे व्यसनों से मुक्त करने के लिए ये संस्था लगातार प्रयासरत है आपको बता दें जो लोग कभी व्यसनों को छोडने का संकल्प भी नहीं करते थे आज वो लोग नशामुक्त बन रहे है यहां लोग नशा करने आते तो है लेकिन आध्यात्म का नशा इस कदर चढता है कि लोग व्यसनों का नशा ही भूल जाते है ब्रह्माकुमारिज का अवलोकन करने अभी तक आए लोगों की हर साल संख्या है जिसमें व्यसनों से मुक्त होने वाले लोगों की संख्या जिसमें अधिकांश युवा शामिल है ये संस्था हर साल लोगों के लिए आबू रोड स्थित शांतिवन में राजयोग शिविर का भी आयोजन करते है जहां लोग आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त कर व्यसनों से मुक्त बन जाते है । और संस्था के द्वारा उठाया जाने वाला ये सराहनीय कदम केवल माउंट आबू ही नहीं बल्कि देश विदेश में सभी सेवाकेंद्रों द्वारा उठाया जा रहा है आइए दिखाते हैं आपको कुछ ऐसे ही सेवाकेंद्रो द्वारा व्यसनमुक्ति के लिए किए गये प्रयासो की।
1.1 मध्य प्रदेश में बैतूल सेवा केंद्र द्वारा ‘‘मेरा बैतूल, स्वच्छ स्वस्थ व्यसनमुक्त बैतूल‘‘ अभियान निकाला गया जिसका उद्घाटन विधायक भ्राता हेमंत खंडेलवाल के द्वारा किया गया. यह कार्यक्रम बैतुल सेवाकेंद्र प्रभारी बीके मंजू की अध्यक्षता में संपन्न हुआ था
इस अभियान में मिनी बस सजाकर व्यसनमुक्ती रथ बनाया गया जिसमें एलसीडी के माध्यम से नशा मुक्ति की फिल्म दिखाई गई और साथ ही रथ में लगी चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से व्यसन मुक्ति का संदेश दिया गया। इस अभियान में मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र युवाओं के द्वारा तैयार किया गया नुक्कड़ नाटक रहा जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के नशों के दुष्परिणामों को बताया गया था साथ ही युवाओं को व्यसन मुक्ति का संकल्प और शपथ दिलाई गई.
यह अभियान जिले के 101 गांवों में पहुंचा जहां 11280 लोगों ने इसका लाभ लिया । इस अभियान में 332 लोगों ने व्यसन से मुक्त होने का संकल्प लिया इस अभियान द्वारा आदिवासी गांवो मे जाकर 1 माह तक अपनी सेवाए दी।
1.2 ऐसा ही एक प्रयास छतरपुर में भी दिखा जहां जिला न्यायलय परिसर में व्यसनमुक्ति प्रदर्शनी लगाई गई इस प्रदर्शनी द्वारा समाज समझाने की कोशिश की किस तरह व्यसनों का हमारी सामाजिक अर्थव्यवस्था व आने वाली पीढ़ी पर प्रभाव डालती है इस प्रदर्शनी का सीजेएम दिनेश शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायधीश राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, विशेष न्यायधीश जितेंद्र शर्मा, एडीजे आरके गुप्ता, एडीजे नौरीन निगम, सीजेएम दिनेश शर्मा, छतरपुर सेवकेंद्र प्रभारी बीके शैलेजा मुख्य रूप से उपस्थित थी।
1.3 मध्यप्रदेश के बाद अब चलते है हरियाणा जहां झोझूकलां में ब्रह्माकुमारीज़ और नया सवेरा समिति के संयुक्त तत्वाधान में ‘नशा मुक्ति यात्रा’ निकाली जिसे माउंट आबू से आयी ज्ञानामृत पत्रिका की संयुक्त संपादिका बीके उर्मिला, स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभारी बीके बीके वसुधा, सरपंच दलबीर गांधी, पूर्व सरपंच राजेश सांगवान, हरियाणा पंतजलि प्रचार समिति के अध्यक्ष प्रदीप डांगर ने राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवानगी दी।
इस यात्रा में क्षेत्र के विभिन्न शिक्षण संस्थाओ के लगभग 1000 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया बीके उर्मिला ने इस दौरान लोगो को बताया कि नशा दोस्त बनकर शरीर में प्रवेश करता है और शत्रु बनकर मार डालता है साथ ही जानकारी दी कि राजयोग के अभ्यास से व्यसनी लोग नशामुक्त हो सकते हैं