आबूरोड के शांतिवन में चल रहे 39वें अखिल भारतीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का सफलता पूर्वक समापन हो गया सात दिनो तक चले इस शिविर में बच्चों के अंदर गज़ब का उमंग उत्साह और नयी चीजों को सीखने की ललक दिखाई दी तो वहीं योग में उनकी दैर्यता और एकाग्रता काबिले तारीफ थी प्रातः सुबह 4 बजे उठकर योग करने से दिनचर्या का शुभारंभ 6.30 से आध्यात्मिक ज्ञान का अध्यन 9.30 से बौद्धिक स्पर्धायें शाम को आदर्श विद्यार्थी जीवन के अनुशासन, शांति की शक्ति का प्रयोग, सामूहिक योगाभ्यास रात्री 8.30 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद 10 बजे बाबा को लेटर लिखने से दिनचर्या का समापन होता था।
बच्चे देश का भविष्य हैं, वे ऐसे बीज के समान है जिन्हें दिया गया पोषण उनके विकास और गुणवत्ता को निर्धारित करेगा यही कारण है कि इस शिविर के दौरान हर उस चीज पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे उनकी क्षमता और प्रतिभा को बढ़ावा मिलें क्योंकि बच्चें नाजुक मन के होते हैं और हर छोटी चीज या बात उनके दिमाग पर असर डालती है उनका आज, देश के आने वले कल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है इसी बात को ध्यान में रखकर बच्चों की दिनचर्या ऐसी बनायी गयी थी जिससे उनका सर्वागीण विकास हो सके अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण बहुत ही कम समय में बच्चों ने इतना कुछ सीखा कि अगर उसे वे अपने अंदर आत्मसात करलें तो उनका भविष्य उस शिखर के समान होगा जिससे परिस्थितियों के बादल टकराकर अपना रूख बदल लेंगे।