गुरुग्राम के ओम शांति रिट्रीट सेन्टर में नवनिर्मित भवन उस समय खुशनसीब हो गया, जब दुनिया की सबसे उम्र दराज 103 वर्षीय अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी ने उद्घाटन किया। इस खुशनसीबी का गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
विश्व के करोड़ों लोगों की प्रेरणास्रोत आध्यात्मिक नेता राजयोगिनी दादी जानकी जी के कर कमल तो ऐसे हैं कि जिसे छू दे तो वह पत्थर से पारस बन जाये। हो भी क्यों नहीं आखिर उनका एक सदी का तप जो है जिनका चुबंकीय व्यक्तित्व लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है ऐसी वात्सल्य मूरत दादी जी जब गुरूग्राम के ओम् शांति रिट्रीट सेंटर में नवनिर्मित खुशनसीब भवन का उद्घाटन करने पहुंची तो वहां मौजूद दिल्ली के अनेक सेवाकेंद्रों से आए बीके सदस्यों के दिल में दादी जी की महिमा के गीत उमड़ पड़े रोशनी से जगमगाते इस परिसर की रौनक तब और बढ़ गई जब दादी जानकी जी ने इसका अवलोकन किया नवनिर्मित खुशनसीब भवन का उद्घाटन दादी जी ने कई वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ दीप जलाकर किया और गगन में शिवसंदेश देते हुए रंग बिरंगे गुब्बारे उड़ाकर सभी को उमंग व खुशी से सराबोर कर दिया।
इस खुशी के मौके पर आयोजित भव्य समारोह में राजयोगिनी दादी जानकी जी ने संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके ब्रजमोहन, पटौदी के महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज, केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णा राज, संस्था के साथ लंबे समय से संपर्क में रही पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी समेत अन्य प्रतिष्ठित लोगों की उपस्थिति में अनावरण कर भवन का उद्घाटन किया व केक काटा इसके पश्चात दादी जी ने अपने अर्शीवचन में धीरज, न्यारे और परमात्मा के प्यारे बनने के गुणों को धारण करने की बात कही।
केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णा राज ने पवित्र वातावरण और दादी जी के सानिध्य में हुए सुंदर अनुभवों को सभी के साथ साझा किया तथा महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज ने कहा कि शांति का साम्राज्य अगर कहीं दिखाई देता है तो वह शिवबाबा की छत्रछाया में ही दिखाई देता है।
समारोह को शुभकामनाएं देने के लिए संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, ओआरसी की निदेशिका बीके आशा, सहनिदेशिका बीके शुक्ला और बीके गीता समेत अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे और कहा कि नवनिर्मित खुशनसीब भवन भविष्य में दिल्ली को खुशियां देने का काम करेगा।
भव्य कार्यक्रम के बीच संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी जी से दादी जानकी जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा सभी को दादी हृदयमोहिनी ने इस भवन के प्रति अपनी शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर नृत्य, संगीत, कविता व अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।