पुरे विश्व में सबसे स्थिर माइंड और ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका 102 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकी जी ने गुरुग्राम के ओआरसी में आमंत्रित विशिष्ट महमानों को अपने आशीर्वचनों से लाभान्वित किया और कहा कि स्नेह, सच्चाई और निःस्वार्थ भाव से की गई सेवा से ही अपना और दूसरों का भाग्य बनता है।
इस दौरान सभी मुख्य अतिथि दादीजी को अपने बीच पाकर अभिभूत हो गए और दादी जी द्वारा बताई गई बातों को बहुत ही ध्यान से सुना और धारण करने का संकल्प लिया। इस मौके पर ओआरसी की निदेशिका बीके आशा और संस्था के अतिरिक्त सचिव बीके बृजमोहन भी मुख्य रुप से उपस्थित थे।