एक ऐसा व्यक्तित्व जो सर्वगुण संपन्न हैं, सोलह कला संपूर्ण हैं, संपूर्ण निर्विकारी व मर्यादा पुरूषोत्तम है और वो है श्रीकृष्ण का। जिनके स्वरूप की कल्पना मात्र से ही लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं, जाहिर है उनके असली स्वरूप का साक्षात्कार हो जाए तो उनकी आभा और आकर्षण के प्रकाश में हर कोई लीन हो जायेगा इसलिए सभी गोपिया श्रीकृष्ण को वर के रूप में और मां पुत्र के रूप में पाने की चाहना रखती हैं इन्हीं अकांछाओं के साथ हजारों लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा गुरूग्राम के ओआरसी में क्योंकि यहॉं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सजाये गये उनकी बाल लीलाओं का जीवंत चित्रण था।
श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर आधारित झांकियों में अतिन्द्रिय सुख का झूला और माखन चुराने का दृश्य, श्रीकृष्ण एवं सुदामा का मिलन, अर्जुन और श्रीकृष्ण संवाद, अमरनाथ की गुफा समेत सत्यभामा, रूकमणी व श्रीकृष्ण के प्रेम की झांकीयों ने सबका मन मोह लिया।
इस भव्य झांकी का शुभारंभ संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, ओआरसी की निदेशिका बीके आशा, सह निदेशिका बीके गीता, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके मधु, जिला पार्षद सुशील चौहान, भोड़ाकला के सरपंच यजवैंद्र शार्मा की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ इस दौरान बीके बृजमोहन ने सभी को इस पर्व के अध्यात्मिक अर्थ से अवगत कराया और बीके आशा ने भी अपनी शुभकामनाओं ने सभी को लाभान्वित किया।
श्रीकृष्ण की बाल लिलाऐं फिल्मस्टार ग्रेसी सिंह ने शिरकत करते हुए श्री कृष्ण की बाल लिलाओं और सुदामा और श्रीकृष्ण के स्नेह मिलन का सुंदर दृश्य का अवलोकन किया