The 10th Ascension anniversary of Dadi Prakashmani
ब्रह्माकुमारीज संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की दसवीं पुण्य तिथि विश्व बन्धुत्व दिवस के रुप में मनायी गयी। इस अवसर पर संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारियों समेत देश के कोने कोने से हजारों की संख्या में आये लोगों ने पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि दी।
प्रभावशाली व्यक्तित्व की धनी राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी इस संसार में न केवल महिलाएं बल्कि समस्त मानवजाति के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी। वे वात्सल्स और प्रेम की ऐसी प्रतिमूर्ति थीं जिनके सानिध्य में आने के बाद चाहे बच्चा हो या बूढ़ा हर कोई उनका हो जाता था। दादी जी को देखकर हर किसी के दिल से यही उद्गार निकलते थे कि जिसकी रचना इतनी सुंदर वो कितना सुन्दर होगा।
दादी जी खुदा की वो नेमत थीं जिन्होंने संस्थान से जुड़े लाखों लोगों की न केवल बेहतरीन पालना की बल्कि अपनत्व की भावना से विश्व के करोंड़ों लोगों को अपने निस्वार्थ प्रेम का मुरीद बना दिया तभी तो उनकी 10वीं स्मृति दिवस के दिन भी एक ओर जहां हजारों लोगों ने मुख्यालय शांतिवन में बने प्रकाश स्तंभ में आकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी वहीं दूसरी ओर देश के सभी सेवाकेंद्रों पर कार्यक्रम का आयोजन कर स्थानीय लोगों ने दादी जी की विशेषताओं का वर्णन करते हुए उनके गुणों को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया और अश्रूपूरित श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, महासचिव बीके निर्वैर, अतिरिक्त महासचिव बीके ब्रजमोहन, पूर्व में दादी प्रकाशमणि जी के सानिध्य में रहने वाली और शांतिवन की कार्यक्रम प्रबंधिका बीके मुन्नी समेत सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों व शांतिवन निवासियों ने भी पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी साथ ही उनके सानिध्य में बिताए लम्हों को अनुभवों में व्यक्त किया।
विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य में शांतिवन में कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। जिसमें संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, अतिरिक्त महासचिव बीके ब्रजमोहन, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, शांतिवन के मुख्य अभियंता बीके भरत, दिल्ली के पाण्डव भवन की निदेशिका बीके पुष्पा, नगरपालिका अध्यक्ष सुरेश सिंदल, यूएसए में ग्लोबल पीस एण्ड प्रॉसपर्टी इनिशिएटिव के फाउंडर डॉ. पाउले फेलिंघम, यूआईटी के अध्यक्ष सुरेश कोठारी समेत कई विशिष्ट लोगों ने दादी जी की मुक्त कंठ से सराहना की व विश्व बंधुत्व की भावना पूरे विश्व में जागृत करने में दादी जी को अनूठी मिसाल बताया। इसके साथ ही अतिथियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।