Madhuban

संस्थान के शांतिवन में ह्दयरोगियों के लिए सात दिवसीय कैड कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पूरे देशभर से करीब सौ की संख्या में ह्दयरोग से पीड़ित लोगों ने भाग लिया, संस्थान के वरिष्ठ सदस्यों ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ।

इस कैड कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, संस्थान की कोशाध्यक्ष राजयोगिनी दादी ईशू, कैड के निदेशक डॉ. सतीश गुप्ता समेत अनेक सदस्यों ने दीप जलाकर किया।

 

प्रतिवर्ष 70 लाख लोगों को हार्ट अटैक आता है, यह बिमारी 1960 में 1 परसेंट लोगों को थी, जबकि अब 2016 तक 35 परसेंट लोगों को हो गई है इतना ही नहीं यंग कार्डियोलॉजिस्ट भी इस बिमारी के चपेट में आ रहे है। अगर हम इस बिमारी का कारण देखें तो पाएगें कि ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, स्मोकिंग, लैक ऑफ एक्सरसाइज और खून में कोलेस्ट्राल का ज्यादा होना। ये छह रिस्क फैक्टर होते हैं जो सामान्य व्यक्ति से दो या तीन गुना ज्यादा हार्ट अटैक की संभावना पैदा करते हैं। लेकिन इस बिमारी के लिए चिंता, स्ट्रेस, नफरत, अकेलापन उससे भी कहीं ज्यादा घातक हैं। जिसका साइंस के पास कोई इलाज नहीं है और इस बिमारी से आप तब तक नहीं उबर सकते जब तक आप अपनी जीवन शैली को पूरी तरह से अध्यात्मिक स्तर पर नहीं बदलते क्योंकि यह जो रिस्क फैक्टर्स हैं। यह हमारे संस्कार हैं जिन्हें अध्यात्मिकता से ही खत्म किया जा सकता है।

और ऐसा ही कुछ कर रही है ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान जहां कैड प्रोग्राम के माध्यम से हृदयरोगियों को सात दिन तक राजयोग मेडिटेशन, शारिरिक व्यायाम व सात्विक भोजन के माध्यम से एक सकारात्मक जीवनशैली सिखायी जाती है, जिसके माध्यम से इस घातक बिमारी पर विजय प्राप्त कर स्वस्थ, समृध व खुशहाल जीवन जी सकतें हैं।

इस दौरान कैड कार्यक्रम के निदेशक डॉ. सतीश गुप्ता ने आत्मा, परमात्मा तथा आध्यात्मिक ज्ञान के साथ राजयोग मेडिटेशन करने की सलाह दी। साथ ही सकारात्मक जीवनाशैली अपनाने के लिए भी प्रेरित किया।

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