दूसरों से तुलना करने पर व्यक्ति सदा दुखी ही होता है, उसका आत्मविश्वास कमजोर होता है जो कि प्रायः सभी लोगों की आदत में शामिल है इस प्रकार तुलना करने से हमारा मन कितना कमजोर होता है, हम दुखी होते हैं और इस संस्कार को कैसे बदला जा सकता है इसकी जानकारी वॉशिंगटन डीसी स्थित मेडिटेशन म्यूजियम की निदेशिका बीके डॉ. जेना ने स्प्रिचुअल वैक्सिन में मेडिटेशन मंडे द कंपैरिजन गेम विषय पर आयोजित ऑनलाइन सेशन के दौरान दी। इस सेशन के दौरान बीच बीच में कॉमेंट्री द्वारा योगाभ्यास काफी प्रभावशाली रहा जिससे लोगों को प्रैक्टिकल तरीके से अपनी सोच को बदलने की प्रेरणा मिली।