साल 1949 में 14 सितंबर को भारत की संविधान सभा ने हिंदी को नवगठित राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था जिसके बाद साल 1953 में पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया इंग्लिश, स्पेनिश और मंदारिन के बाद दुनिया में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है। यहां तक कि कई अंग्रेजी शब्दों की उत्पत्ति भी हिंदी के शब्दों से ही हुई है हिंदी दिवस के उपलक्ष में नई दिल्ली के लोधी रोड सेवाकेंद्र द्वारा हिंदी-भावना भी संभावना भीं इस विषय को लेकर संगोष्ठी का आगाज किया गया जिसमे मुख्य अतिथियों में नई दिल्ली राजभाषा रेल मंत्रालय के पूर्व निदेशक डॉ. महेश चंद्र गुप्त, भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के संयुक्त निदेशक मनोज आबूसरिया तो वही मुख्यालय माउंट आबू से ब्रह्माकुमारिज के हिन्दी मासिक पत्रिका शिव आमंत्रण के संपादक बीके कोमल ने विषय पर प्रकाश डाला।
आगे स्थनीय सेवाकेंद्र प्रभारी बीके गिरिजा एवं सेवाकेंद्र से अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता बीके पियूष ने भी सरल, समृद्ध और पुरानी भाषाओं में से एक हिंदी भाषा जो दिलो को जोडती है उसका ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने पर जोर दिया।