केवल मीडिया ही है जिसके माध्यम से हम अधिक एवं व्यापक रूप से संवाद कर सकते है, चाहे बात संचार माध्यमों की हो या जनसंचार, मीडिया ही है जो हमे आवश्यक सावधानिया प्रदान करता है ऐसे मीडिया में अगर आध्यात्मिकता का समावेश हो तो चार चाँद लग जाए इसी के उद्देश के साथ संस्थान के मीडिया प्रभाग द्वारा आयोजित हुए ऑनलाइन कांफ्रेंस के समापन सत्र में कई मीडिया विद्वानों जैसे गवर्नमेंट ऑफ आंध्रप्रदेश के फॉर्मर मीडिया एडवाइजर के रामचंद्र मूर्ति, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मीडिया स्टडीज के डायरेक्टर डॉ. रमेश रावत, खामगाव से डेली देशोन्नति के एडिशन एडिटर राजेश राजोरे, फ्रीलान्स जर्नलिस्ट विनोद नागर समेत अन्य वक्ताओं ने अपने उदगार रखे।
कांफ्रेंस की शुरवात बीके सतीश द्वारा गीत प्रस्तुति से हुई तो वही आगे संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारियों में संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका बीके जयंती, प्रभाग के उपाध्यक्ष बीके आतमप्रकाश, प्रभाग की नेशनल कोर्डिनेटर बीके सरला, संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, जोनल कोर्डिनेटर बीके चंद्रकला, संस्था के पीआरओ बीके कोमल समेत अन्य वक्ताओं ने मीडिया को वर्तमान सामाजिक जरूरत के अनुरूप अपना एजेण्डा पुनः निर्धारित करने की जरुरत पर जोर दिया साथ ही विवादों के बजाय निवारण में जाने की प्रेरणा दी।