शुद्ध आचार और शुद्ध विचार रखने से ही जीवन का सुख प्राप्त किया जा सकता है ये उक्त विचार प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारें के हैं जो उन्होंने बैंगलुरू के कांतीरावा स्टेडियम में अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित विशाल कार्यक्रम में व्यक्त किए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि युवा शक्ति एक राष्ट्र शक्ति है, यदि युवा शक्ति जाग जाए तो कल का भविष्य दूर नहीं।
आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज को भी आमंत्रित किया गया था जिसमें माउंट आबू से आए संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि योग के कई प्रकार हैं जिससे शरीर स्वस्थ बनता है लेकिन राजयोग ही एक ऐसा माध्यम है जिससे मनुष्य के नकारात्मक विचार समाप्त होते हैं और उसका तन मन दोनों स्वस्थ बनता है।
इस मौके पर वीवी पुरम सबजोन प्रभारी बीके अंबिका व सैकड़ों बीके सदस्यों सहित तकरीबन 7000 लोग मौजूद थे सभी ने योगा गुरू रजनीश द्वारा सिखाए गए शारीरिक योगा का भी अभ्यास किया।