तमिलनाडु के चिदम्बरम स्थित अन्नामलाई यूनिवर्सिटी के 90वें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में.. चुनौतियों का सामना करने के लिए मूल्य एवं आध्यात्म विषय पर यूनिवर्सिटी तथा कॉलेज एजुकेटर्स के लिए अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें अन्नामलाई विश्वविद्यालय के सेन्टर फॉर योगा स्टीडिज़ एवं ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के शिक्षा प्रभाग का संयुक्त प्रयास रहा।
विश्वविद्यालय के शास्त्री हॉल में इस सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर मद्रास हाईकोर्ट के मदुरई बेंच के न्यायाधीश जी.आर. स्वामीनाथन, अन्नामलाई यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. एन.कृष्ण मोहन, ब्रह्माकुमारीज़ के शिक्षा प्रभाग के अध्यक्ष बीके मृत्युंजय, सुरक्षा प्रभाग की उपाध्यक्ष बीके शुक्ला, कोयंबतूर में के.जी. हॉस्पिटल्स के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. जी. भक्तवत्सलम, यूनाइटेड स्टेट्स के फ्लोरिडा के योगा सम्सक्रृथाम यूनिवर्सिटी के थाईलैण्ड इंटरनेशनल वाइस चांसलर बी.के. लिट्टिकॉर्न वॉटाना, रशिया की एक्सपोर्ट कंसल्टेंट और ट्रांसलेटर यानिना वर्त्यानान, वैल्यू एजुकेशन प्रोग्राम्स के डायरेक्टर बीके डॉ. पाण्डियामणि, मदुरई में ब्रह्माकुमारीज़ की सबज़ोनल कॉर्डिनेटर बीके उमा ने दीप प्रज्वलन कर सम्मेलन का शुभारम्भ किया, जिसके पश्चात् स्वागत नृत्य की प्रस्तुति भी दी गई।
अन्नामलाई विश्वविद्यालय वो विश्वविद्यालय जहां से मूल्य शिक्षा के पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई थी..। मूल्य और आध्यात्मिकता ही बेहतर नई दुनिया ला सकते है.. और इसको बढ़ावा देने वाला पहला अग्रणी विश्वविद्यालय.. अन्नामलाई विश्वविद्यालय है.. इन्हीं कुछ बातों पर प्रकाश डालते हुए उद्घाटन सत्र में बीके मृत्युंजय ने अपने बोल व्यक्त किए।
इस अवसर पर मौजूद अन्य शिक्षाविदों एवं अन्तर्राष्ट्रीय महमानों ने भी वर्तमान समय शिक्षा प्रणाली में मूल्य एवं आध्यात्मिकता की समावेश्ता को महती आवश्यत बताया।
इस दौरान बीके बहनों ने राजयोग मेडिटेशन के बारे में बताते हुए सभी को इसका अभ्यास कराया।
इस दौरान कार्यक्रम के समापन अवसर पर नासिक की सबज़ोन इंचार्ज बीके वेदांती समेत अन्य कई वरिष्ठ शिक्षाविदों की मुख्य मौजूदगी रही.. जहां उन्होंने आयोजित विषय पर अपने विचार रखे।
दो दिवसीय इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान मेडिटेशन सेशन में स्वयं का तथा परमात्मा के सत्य स्वरुप की पहचान कराते हुए राजयोगाभ्यास कराया गया, वहीं कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मौजूद शिक्षाविदों के लिए पैनल डिस्कशन समेत सामाजिक चुनौतियों के लिए आध्यात्मिक जीवनशैली समेत अन्य कई विषयों पर भी चर्चा की गई, जिसके बाद.. अतिथियों को ईश्वरीय सौगात भेंट की गई।