Mon. Jun 5th, 2023

अगर व्यक्ति करने का ठान ले तो कुछ भी असम्भव नहीं है चाहे उम्र कोई भी हो। ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है मुजफफरपुर, बिहार के रहने वाले 60 वर्षीय दिग्विजय शाही ने। पिछले दो वर्ष से ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय आने की प्यास ने मुजफफरपुर से माउण्ट आबू तक सफर 13 दिनों में ही साईकिल से ही नाप दी और तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए 1650 किमी की यात्रा कर ब्रह्माकुमारीज संस्थान पहुंच गये।
भक्ति भाव में लीन रहने वाले दिग्विजय सिंह 7 फरवरी, 2021 को ब्रह्माकुमारीज संस्थान से जुड़े और अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउण्ट आबू देखने की ललक उन्हें ज्यादा देर तक रोक नहीं सकी। मुजफफरपुर तुरकी के रहने वाले बीके दिग्विजय शाही ने ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउण्ट आबू आना चाहते थे। वे भक्ति भाव में भी कई तीर्थ यात्राओं का पैदल या तो अन्य साधनों से ऐसा करते रहे है। फिर क्या था दिग्विजय शाही ने साईकिल से ही माउण्ट आबू जाने का निश्चय किया और वे परमात्मा शिव को यह यात्रा सौंपकर निकल गये। 21 अगस्त को यात्रा प्रारम्भ किये और 13 दिनों में ही 1650 किमी की यात्रा पूरी कर 4 सितम्बर को माउण्ट आबू पहुंच गये।
दिग्विजय सिंह बताते है कि प्रतिदिन तकरीबन 125 किमी की यात्रा करता था जहॉं रात्रि हो जाती वहीं डेरा डालकर रात्रि विश्राम करते थे। फल फूल के सहारे ही उन्होंने यह मुकाम हासिल कर लिया। कई सुनसान रास्तों में भी कई परेशानियां आयी लेकिन वे हिम्मत नहीं हारे और अन्ततः माउण्ट आबू पहुंच गये। साथ ही वे पूरे रास्ते ईश्वरीय संदेश के रुप में पर्चे भी बांटते आये।
यह पहली बार नहीं है जब इन्होंने ऐसा कारनामा किया है। इसके पहले भी वे भक्ति मार्ग में लीन वे तमाम कठिन साधनायें करते रहें। पेशे से किसाना दिग्विजय सिंह कहते है कि अब जिस मंजिल को ढूढ़ रहा था वो मिल गयी अब कुछ पाने की तमन्ना नहीं रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *