छत्तीसगढ़ के कोरबा में सात दिवसीय भागवत गीता ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कथा वाचक बीके तुलसी ने कौरव एवं पांडव का आध्यात्मिक अर्थ बताते हुये कहा कि जो भगवान से विपरीत बुद्धि हैं वे कौरव और जो भगवान से प्रीत रखते हैं उन्हें पांडव कहते हैं इस दौरान उन्होंने मन में चल रहे विचारों के द्वंद युद्ध को वास्तविक युद्ध बताते हुये कहा कि जब हम नकारात्मक संकल्पों को खत्म कर सकारात्मक व अच्छे विचार के साथ कार्य करेंगे तो पुण्य कर्मो की पूंजी जमा होगी।
कुसमुंडा के कला मंदिर में हुई इस कथा के पूर्व नगर में राधे कृष्ण की चौतन्य झॉकी के साथ कलश यात्रा निकाली गई और अधिक से अधिक संख्या में भागवत कथा का लाभ लेने का आह्वान किया, कार्यक्रम में मुख्य अतिथी के तौर पर आये एस.ई.सी.एल. ऑफिस के सुप्रिंडेंट पी.के. दुबे, प्रोफेसर उषा दुबे एवं सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रूकमणी ने भी अपने विचार व्यक्त किये और भक्ति का फल ईश्वरीय ज्ञान की प्राप्ति बताया।