भारत में प्रतिवर्ष हृदय रोगों के कारण लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है, इसका मूल कारण मानसिक तनाव, चिंता तथा नकारात्मक सोच होती है अब हमारा जीवन खुशनुमा बने व हम सदैव स्वस्थ्य रहे इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु इंदौर में ओमशांति भवन के ज्ञानशिखर में त्रिआयामी आरोग्य एवं सुखमय जीवन विषय पर प्रेरक उद्बोधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें माउण्ट आबू के ह्दयरोग विशेष डॉ. सतीष गुप्ता और इंडियन मेडीकल एसोसिएसन के अध्यक्ष संजय लोधे समेत कई लोग शामिल हुए।
बात जब हृदय रोग की हो तो आज हर कोई अपना दिल सहेज कर रखना चाहता है। परन्तु वह सहज तब लगता है जब विशेषज्ञों द्वारा लोगों को सहज तरीके बताकर उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करें। ऐसे ही बड़ी संख्या में उमड़े लोगों को दिल सहेजने के लिए एमजीएम मेडीकल कालेज के डीन डॉ. शरद थोरा, लायंस क्लब के डिस्ट्रिक्ट गर्वनर संजय, क्षेत्रीय निदेशिका बी.के. हेमलता, राजयोग शिक्षिका बी.के. बाला एवं स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों समेत अनेक लोग मौजूद थे।
स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये हुये इस कार्यक्रम में बी.के. डॉ. सतीश गुप्ता ने कहा कि ये सत्य है कि आत्मा छोटा – सा मेमोरी सेल्स है वो ही जीवन के साथ शाश्वत है बाकि जो 98 प्रतिशत सेल्स हैं वह अपनी मन की स्मृति के आधार पर कुछ ही सालों के अंदर बदल जाते हैं इसलिये हमें चाहिये कि हम मन के विचारों को बदले व उसमें नकारात्मक न आने दें,
इसके साथ ही इंदौर ज़ोन की मुख्य समन्वयक बीके हेमलता ने बताया कि तन भी स्वस्थ्य रहे, मन भी स्वस्थ्य रहे और सामाजिक रीति से भी हम स्वस्थ्य रहें इन सभी का आधार आध्यात्मिकता है ,इसी के साथ अतिथियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये और इस प्रकार के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने वाले आयोजन को आवश्यक माना।
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