नेपाल में घोराही के राप्ती शिक्षा कैंपस में एम. एड. एवं बी. एड. के प्रशिक्षकों के लिये आदर्श शिक्षक विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें माउंट आबू से आये वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षक बीके भगवान ने कहा कि शिक्षा का मूल्य उद्देश्य है चरित्रवान बनना व अंधकार से प्रकाश की ओर जाना। इस सेमिनार में बीके हरि, कैंपस के संचालक हुकुम बुधाधोकी, सहायक शिक्षक एम. प्रसाद पांडे सहित अनेक शिक्षकगण मौजूद थे।
इसी क्रम में पदमोदय पब्लिक नमूना माध्यामिक विद्यालय में नैतिक मूल्यों का महत्व विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बीके भगवान ने कहा कि नम्रता एवं परोपकार की भावना ऐसे गुण हैं जो जीवन के हर क्षेत्र में काम आते हैं। इस कार्यशाला का लाभ प्राचार्य डॉ. कृष्णाराग एवं बड़ी संख्या में छात्राओं ने लिया।
इसके पश्चात् जिला जेल प्यूठान में कैदियों के लिये कर्मों की गुह्य गति विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें बीके भगवान ने कर्मों की गुह्य गति बताते हुये कहा कि आज जो भी अपराध हो रहे हैं उनका मूल कारण है गलत संगत। इसलिये हमें संगत सदैव अच्छे लोगों की करनी चाहिये। इस सेमिनार में बीके मेघराज, कारागार सुरक्षा गार्ड ओम बी.गिरी एवं कैदी उपस्थित थे।
ऐसे ही जनता माध्यामिक विद्यालय में नैतिक मूल्यों का महत्व विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बीके भगवान ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया एवं सत्यता, मधुरता एवं सहनशीलता जैसे गुणों को धारण कर मूल्यवान जीवन बनाने की बात कही।