Malaysia

मलेशिया के एशिया रिट्रीट सेन्टर में ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारियों के आगमन का कारवा बरकार रहता है। यहाँ संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी आकर.. अपने आध्यात्मिक जीवन के अनुभवों से सभी को लाभान्वित तो करते ही हैसाथ ही साथ मलेशिया में ईश्वरीय सेवाओं से भी अवगत होते है।

भारत समेत विदेशों से कई वरिष्ठ पदाधिकारी मलेशिया दौरे पर एशिया रिट्रीट सेन्टर पर विज़िट करने पहुँचे। इस दौरान .आर.सी की तीसरी सालगिरह मनाने के लिए ब्राज़िल से ब्रदर केन ने शिरकत की और पूरे मलेशिया बीके मेम्बर्स को वर्षगांठ की बधाई दी।

भारतीयमलयचीनी नृत्य और बच्चों द्वारा प्रदर्शन तथा कोरियाई परिवार द्वारा गीतों की प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच बीके केन तथा एशिया रिट्रीट सेन्टर की निदेशिका बीके मीरा तथा अन्य कई सदस्यों ने केक काटकर सेलीब्रेशन किया। उनकी इस यात्रा के दौरान तीसरी एशिया पैसेफिक बीके टीचर्स रिट्रीट तथा ट्रेनिंग आयोजित की गई, जिसमें 9 एशियन कंट्रीज से 130 बीके टीचरस ने शिरकत की।

दिवसीय ये रिट्रीट कम ट्रेनिंग एक्सपीरिएनशल कोर्स पर आयोजित की गई थी। जहाँ बीके केन ने राजयोग के प्रत्येक लेसन को एक्सप्लेन, एक्सपीरियंस और एक्स्प्लोर पर 3 सत्रों में विभाजित किया। इसके अलावा उन्होंने बीके टीचर्स को याद दिलाया कि लोग अब एक दिन व्याख्यान और स्पष्टीकरण के बजाए वास्तविक अनुभव और व्यवहारिक आध्यात्मिकता की तलाश कर रहे है।

ब्रदर केन और बीके मीरा ने इंडियन हाई कमिश्नर ऑफ मलेशिया टी.एस तिरुमूर्ति से मुलाकात की और राजयोग ध्यान के विषय में चर्चा की।

एशिया रिट्रीट सेन्टर में स्पेशल और यूनिक ट्रेनिंग आयोजित की गई। 1000 लिटिल थिन्ग्स फॉर सेल्फ प्रोग्रेस एण्ड सर्विस थीम पर आयोजित ये ट्रेनिग कुमारियों के लिए आयोजित की गई थी इस खास मौके पर रशिया के सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रह्माकुमारीज़ की निदेशिका बीके संतोष ने शिरकत की।

इस रिट्रीट का शुभारम्भ बीके संतोष के साथ बीके मीरा तथा मलेशिया के अन्य कई वरिष्ठ सदस्यों द्वारा किया गया। जिसके पश्चात् बीके संतोष ने अपने आध्यात्मिक यात्रा की कई दिलचस्प अनुभवों को सभी के साथ साझा किया। इस दौरान प्रत्येक दिन, इन कुमारियों के लिए गोल्डन रुल्स ऑफ नेचुरल एण्ड प्योर कन्वर्सेशन, बींग इन बैलेन्स जैसे अन्य कई विषयों पर मंथन किया जाता था।

ये रिट्रीट और ट्रेनिग सेशन वर्कशॉप, पैनल डिस्कशन, इंटरव्यु, क्वेशन एण्ड आनसरस तथा स्प्रिचुअल चिट चैट के रुप में आयोजित की गई थी, जिसमें पूरे मलेशिया से 60 से ज़्यादा कुमारियों ने भाग लिया।

इस दौरान बीके संतोष ने रेडियो आर.टी.एम टै्रक्स एफ.एम 90.03 पर लाईव इंट्रव्यु में विज़डम इन डेली लाइफ विषय पर चर्चा भी की।

राजस्थान माउण्ट आबू के पांडव भवन की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शीलू ने भी मलेशिया का दौरा किया। इस दौरान बीके शीलू ने भारतीय त्यौहारजैसे कि रक्षा बंधन, भारत का स्वतंत्रता दिवस तथा जन्माष्टमी पर्व की झलकियां मलेशिया में देखी। यहाँ ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मलेशियन सदस्यों ने भारत देश का ना होते हुए भी भारतीय संस्कृति परम्पराओं के साथ इन पर्वों को मनाया।

क्लंग वैली के एशिया रिट्रीट सेन्टर, बैंगज़र के हारमनी हाउस में सैकड़ों युवाओं तथा कई विशिष्ट लोगों ने इन पर्वों का आध्यात्मिक रहस्य समझा। इस दौरान बैंगज़र के हारमनी हाउस में द् सन पेपर की जर्नलिस्ट ने उनका एक्सक्लूसिव इंटरव्यू लिया।

मलेशियन सदस्यों को फिर से एक और अनुभवी से मिलने का मौका मिला जब कैनेडा से सिस्टर जूडी जॉनसन स्पेशल फैसिलिटेटर्स रिट्रीट को कंडक्ट कराने पहुँची।

ये पहली बार नहीं था, जब मलेशियन मेम्बर्स के लिए ये रिट्रीट आयोजित की गई हो दरअसल 2016 में फस्ट फैसिलिटेटर्स रिट्रीट आयोजित की गई थी.. जिसको पूरा करने के लिए,  भाग-2 – द् लाईट फॉर लर्निंग थीम में 8 एशियन कंट्रीज से 38 फैसिलिटेटर्स ने भाग लिया।

इस रिट्रीट का मकस्द गॉड के फैसिलिटेटर्स को इंस्ट्रूमेंटस के तौर पर तैयार करके उनकी आन्तरिक शक्तियों को जागृत करना था साथ ही साथ सीखने की प्रक्रिया को और बढ़ाना भी था। सिद्धांतों को आन्तरिक रुप से समझना और स्प्रिचुअल नोलेज को ट्रांसफोर्म करनी की विधियों निकालना इस रिट्रीट का मेन ऑबजेक्टिव था।

कंटेनर केयर प्रिंसिपल एक नया सिद्धांत सभी को सामने पेश किया गया, जिसका नेतृत्व सिस्टर जुडी ने एक अनुभवात्मक सत्र के दौरान कंटेनर का अनुभव करने के लिए परमात्मा के साथ अपना कनेक्शन और मज़बूत करने पर बल दिया। इस दौरान प्रतिभागियों को छोटे समूहों में विभाजित किया गया ताकि वे सीखने की गतिविधियों को डिज़ाइन और अंडरस्टैण्ड कर सकें।

.आर.सी में पहली बार एक साईलेंट रिट्रीट भी आयोजित की गई, जिसकी थीम थी द् वन्डर्स ऑफ मी। साईलेंट रिट्रीट में 7 एशियन कंट्रीज से लगभग 92 मेम्बर्स ने पार्टिसीपेट किया, जो संस्थान से पिछले 5 वर्षा से जुड़े हुए है।

36 घंटों की इस मौन साधना कार्यक्रम में प्रतिभागियों के सेल फोन्स सरेन्डर कराए गए, साथ ही साथ वातावरण को शक्तिशाली बनाने के लिए मेडिटेशन का मौहोल तैयार किया गया, इस दौरान साईलेंस रिट्रीट के पार्टिसीपेंट्स ने डीप साईलेन्स का अनुभव तो किया ही, पर उसके साथसाथ आत्मा की आन्तरिक शक्तियों को भी फील किया और परमात्मा को सुप्रीम लाईट के रुप में अनुभव किया।

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