यूनाईटेड नेशन जेनेवा में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर कार्यक्रम का आयेाजन किया गया। जिसमें करीब 35 देशों के लोग शामिल हुए। इसके साथ ही अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए इसमें ब्रह्माकुमारीज संस्थान, अल हकीम फाउण्डेशन, डीएचआरसीफ, आरएडीडीएचओ मुख्य रुप से शामिल ररहे । इस कार्यक्रम में भारत के राष्ट्पिता महात्मा गांधी के विजन और सिद्धांत, अहिंसा को पूरी दुनिया में प्रचार प्रसार के लिए चर्चा की गयी ।
दुनिया में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में मनाया जाये और भारत के राष्ट्पिता महात्मा गांधी का जिक्र ना आये ऐसा कैसे सम्भव है। संयुक्त राष्ट् संघ के जेनेवा में आयोजित इस सम्मेलन में महात्मा गांधी द्वारा अहिंसा को बढ़ावा देने तथा जीवों के प्रति दया भाव पैदा करने के लिए मानवीय मूल्यों को भी उन्होंने जोड़ा था। इस परिचर्चा में अहिसा को बढ़ावा देने के लिए चर्चा में जो लोग शामिल हुए उसमें मुख्य रुप से जेनेवा में भारत के मंत्री और कांसुल जनरल ऑफ़ इंडिया साईबाल रॉय चौधरी, संयुक्त राष्ट् संघ में ब्रह्माकुमारीज की प्रतिनिधि वेलेरियेने बेर्नार्ड, हिमालयन रिसर्च एवं कल्चरल फाउण्डेशन के सेकेरेटरी जनरल प्रो. के. वरीकू, आरएडीडीएचओ मैनेजर आफिसर वीरो दियावरा मुख्य रुप से उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में महात्मा गांधी के विचारों, उनके सिद्धांतों को आम जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया।
सम्मेलन में जेनेवा में भारत के मंत्री तथा कंसुल जनरल ऑफ़ इंडिया शाईबल रॉय चौधरी ने कहा कि महात्मा गांधी ने न केवल कुछ समुदायों के लिए नहीं बल्कि समस्त मानव जाति के लिए नैतिक मूल्यों को जोड़ने का प्रयास किया। इसके साथ ही यूनाईटेड नेशन में ब्रह्माकुमारीज की प्रतिनिधि वेलेरियेने बर्नार्ड ने कहा कि महात्मा गांधी एक अदभुत नेता थे। वे कहते नहीं थे बल्कि कर के दिखाते थे जिससे दूसरों के उपर इसका प्रभाव पड़ सके।
अन्त में सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा और शांति के संदेश को आम जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया तथा इसे विश्व शांति के लिए महत्वपूर्ण बताया।