मलेशिया के एशिया रिट्रीट सेन्टर में इन्द्र की सभा विषय पर ड्रामा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देवी देवताओं क परिधानों में सजे संस्था के सदस्यों ने यह बताने की कोशिश की कि खुशी केवल आन्तरिक तौर पर अनुभूति करने से ही आयेगी ना कि बाहरी स्तर पर। आध्यात्मिक कार्यक्रम में राजयोग ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान के जरिये खुशी को स्थायी रखने के लिए भी नृत्य नाटिका के जरिये प्रस्तुति दी गयी।
एशिया रिट्रीट सेन्टर की निदेशिका बी.के. मीरा ने दैनिक जीवन में राजयोग की भूमिका पर प्रकाश डाला और राजयोग सीखने के लिए प्रेरित किया। इस समारोह का समापन नृत्य तथा खुशी की शक्तिशाली बायब्रेशन के साथ हुआ।