आस्था और असीम विश्वास का पर्व नवरात्रि धूमधाम से देशभर में मनाया जा रहा है। देवभूमि सिरोही के खंडेलवाल धर्मशला में भी पहली बार चैतन्य देवियों का दरबार सजाया गया है। जो शहर के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। ब्रह्माकुमारीज़ के सिरोही सेवाकेंद्र तथा अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय आबू रोड के संयुक्त प्रयास से लगाये गये चैतन्य देवियों की झांकी का उदघाटन ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी, जीवन प्रबन्धन विशेषज्ञ बीके शिवानी, जिला प्रमुख पायल परसराम पुरिया, बीजेपी जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी, संस्था के सूचना निदेशक बीके करुणा, शांतिवन प्रबन्धक बीके भूपाल तथा शांतिन के मुख्य अभियन्ता बीके भरत, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संयम लोढ़ा, सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके अरुणा समेत कई लोगों ने फीता काटकर तथा दीप जलाकर किया।
वैसे तो राजस्थान का सिरोही प्रदेश में दूसरे पिछड़े इलाकों में आता है लेकिन धर्मपरायणता की बात करें तो इस जिले को देवभूमि का दर्जा मिला हुआ है। और इसको साकार करती है तमाम देवी देवताओं की मूर्तियां और मंदिर। पर यदि जिला मुख्यालय पर नवरात्रि में चैतन्य देविया ही प्रकट हो जाये तो भला इसका नजारा कैसा होगा यह खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसा ही आजकल कुछ नजारा है सिरोही जिला मुख्यालय के खंडेलवाल धर्मशाला मैदान में लगी चैतन्य देवियों की झांकी का। जिसमे पहाड़ों से गीतों के आह्वान पर प्रकटा होती है नौ देवियां।
जरा गौर से देखिये इन देवियों के आभा और आवरण को। है तो चैतन्य पर जैसे ही गुफाओं और पहाड़ों से प्रकट होती है जैसे लगता है कि इंद्रलोक ही धरती पर उतर आया है। देवी रुप में सजे युवा बहनों का पुरुषार्थ और तप निश्चित तौर पर हर एक को देवी का साक्षात दर्शन कराने में कामयाब हो जाता है। लोगों की भारी भीड़ इसका प्रबल उदाहरण है। जो भी आता है वह दर्शन लेते हुए पंडाल में लगाये गये सामाजिक सेवाओं का विस्तार भी हर किसी के लिए प्रेरणादायी है। थ्रीडी शो के जरिये मेडिटेशन की अनुभूति सहज ही लोगें को आकर्षित कर लेती है।
कार्यक्रम में जब शरीक होने दादी जानकी पहुंची तो पूरा माहौल ही अध्यात्म और ममता के आंचल में डूब गया। कई वर्षों के बाद दादी का सिरोही आगमन हुआ था। पर झांकी चैतन्य देवियों की हो और फिर उनका आध्यात्मिक रहस्यों से पर्दा ना उठे ऐसा कैसे हो सकता है। इसका पर्दा उठाने खुद जीवन प्रबन्धन विशेषज्ञ बीके शिवानी भी पहुंची। उनको सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे। चैतन्य देवियों की झांकी का आध्यात्मिक रहस्यों के बारे में बताते हुए लोगों से क्रोध ना करने का संकल्प भी कराया।