ज्ञान और विज्ञान की गुह्य संकल्पनाओं को आम आदमी तक सरल शब्दों में पहुंचाना ही अध्यात्मिक व वैज्ञानिक विभूतिओं का कर्तव्य है अध्यात्मिकता और विज्ञान के समन्वय से ही मूल्यनिष्ठ समाज की स्थापना होगी। ऐसी ही उम्मीद को लेकर ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के स्पार्क प्रभाग द्वारा महाराष्ट्र के जलगांव में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
अनुभूति इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित इस संगोष्ठी में देशभर से वैज्ञानिक व अध्यात्मवेत्ता उपस्थित हुए संगोष्ठी में माउंट आबू से विशेष रूप से पधारें वरिष्ठ राजयोग शिक्षक बीके सूरज, प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके अंबिका ने अपने ओजस्वी संबोधन में मानवीय जीवन व अध्यात्मिकता विषय पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर उपस्थित शिक्षा और विज्ञान क्षेत्र के अध्यापक, विद्यार्थी, वैज्ञानिक, अध्यात्मवेत्ताओं ने स्वीकार किया कि साइंस व साइलेंस के समन्वय से विश्व में शांति की स्थापना की जा सकती है।
अंत में सभी को राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से साइलेंस की शक्ति का अनुभव कराया गया।