महाराष्ट्र के बार्शी में कल के मशहूर डाकू और आज के राजयोगी पंचम सिंह के पहुंचने पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया….जिसमें बार्शी के नगराध्यक्ष असिफ तांबोली, उपनगराध्यक्ष कृष्णराज बारबोले, नगरसेवक नागेश अक्कलकोटे, उप पुलिस अधीक्षक संदीप मिटके, मातृभूमि प्रतिष्ठाण, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राहुल झालटे, सोलापुर सबज़ोन प्रभारी बीके सोमप्रभा, बार्शी सेवाकेंद्र प्रभारी बीके संगीता, बीके रामभूल समेत सैकडों लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम में पंचम सिंह ने अपनी कहानी सुनाते कहा कि जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थतियों के कारण मन में बदला लेने की भावना निर्माण हुई, जिससे डाकू जीवन को स्वीकार किया……100 से भी अधिक हत्या एवं 200 से अधिक डकैती का पाप किया था…….शहर में मेरे आने की खबर फैलते ही शहर बंद हो जाता था……….सरकार ने मेरे उपर 2 करोड़ का इनाम रखा था………अचानक एक दिन पहाड़ी पर ब्रह्माबाबा का साक्षात्कर हुआ और आवाज सुनाई दी बच्चे धीरज रखों तुम्हारा उद्धार होने वाला है……….इसके कुछ दिनो के पश्चात हमने आत्म समर्पण कर दिया………. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आव्हान पर ब्रह्माकुमारी बहनों ने 550 डाकुओं को ईश्वरीय ज्ञान दिया……..जिससे हम डाकुओं का मन परिवर्तन हो गया…….हमारे अंदर आए परिवर्तन को देख सरकार ने हमारी सज़ा माफ कर दी…….आज चंबल की घाटी पर एक भी डाकू नहीं है।